योगी आदित्यनाथ सरकार की निगरानी और जवाबदेही तय करने की नीति के चलते उत्तर प्रदेश में ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। केवल अप्रैल और मई 2025 में 3233 कम ट्रांसफार्मर फुंके, जिससे प्रदेशवासियों को भीषण गर्मी में भी निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल रही है। यूपीपीसीएल की सख्ती, तकनीकी नवाचार और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के चलते अब बिजली संकट बीते दिनों की बात हो चली है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सख्ती और निगरानी की नीति अब ज़मीन पर साफ असर दिखा रही है। भीषण गर्मी के बावजूद इस वर्ष अप्रैल और मई महीने में राज्य में ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाओं में 3233 की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि प्रदेश की विद्युत आपूर्ति प्रणाली न केवल सुदृढ़ हो रही है, बल्कि आम जनता को अब बिना रुकावट बिजली मिल रही है।
पिछले वर्षों की तुलना में ट्रांसफार्मर क्षति में भारी कमी
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के अनुसार, वर्ष 2022-23 के मुकाबले 2025-26 के शुरुआती दो महीनों (अप्रैल-मई) में पावर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में 87% और 100 केवीए और उससे ऊपर के वितरण ट्रांसफार्मरों में 64% की कमी दर्ज की गई है। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि पावर सेक्टर में सुधार सिर्फ दावे तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में असरदार साबित हो रहा है।
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पावर ट्रांसफार्मर फुंकने के मामले:
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100 केवीए और उससे ऊपर के ट्रांसफार्मर फुंके:
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100 केवीए से कम ट्रांसफार्मरों में भी कमी:
मॉनीटरिंग, तकनीकी नवाचार और सख्त कार्रवाई बनी सफलता की कुंजी
डॉ. गोयल के नेतृत्व में ट्रांसफार्मर सुरक्षा के लिए कई तकनीकी उपाय किए गए।
बेल प्रोटेक्शन सिस्टम, टेललेस यूनिट और फ्यूज यूनिट्स जैसे उपकरण लगाकर ट्रांसफार्मरों को फुंकने से बचाया जा रहा है। इसके साथ ही मैकेनिकल फॉल्ट ट्रैकिंग और क्षेत्रीय स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग को प्राथमिकता दी गई।
जहां ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए, वहां जिम्मेदार अभियंताओं पर सख्त कार्रवाई की गई। प्रदेशभर में कई अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता और SDO कार्रवाई की जद में आ चुके हैं।
सीएम योगी की प्राथमिकता – 24x7 गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति
डॉ. गोयल ने स्पष्ट किया कि विद्युत आपूर्ति पर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। किसी भी स्तर की लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही यह निर्देश दे रखे हैं कि ट्रांसफार्मर फुंकने जैसी समस्याएं पूरी तरह नियंत्रित हों और लोगों को 24 घंटे बिना बाधा बिजली आपूर्ति मिले।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश अब विद्युत व्यवस्था में सुधार की नई मिसाल पेश कर रहा है। तकनीकी नवाचार, जवाबदेही और प्रशासनिक सख्ती के चलते प्रदेशवासी इस गर्मी में राहत महसूस कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल शासन की सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में एक सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ बिजली व्यवस्था की नींव भी रखता है।
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