बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान के दौरान फैल रही अफवाहों और भ्रामक खबरों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया। सीईसी ग्यानेश कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों ने कंट्रोल रूम से मतदान केंद्रों की निगरानी शुरू की।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान कुछ न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर “मतदान के दौरान आपस में भिड़े कार्यकर्ता” जैसी भ्रामक खबरें फैल रही थीं। मुजफ्फरपुर पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और बताया कि इस घटना का मतदान से कोई संबंध नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ग्यानेश कुमार, साथ ही चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी ने नियंत्रण कक्ष (Control Room) से सभी 100% मतदान केंद्रों पर लगे CCTV कैमरों की निगरानी शुरू की। इस कदम के तहत मतदान केंद्रों की गतिविधियों पर रीयल टाइम नजर रखी जा रही है।

चुनाव आयोग के अनुसार पहले दो घंटे में कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 13.13 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भड़काऊ या भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सीईसी ने बिहार के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वाली गतिविधियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुजफ्फरपुर पुलिस का साइबर सेल और सोशल मीडिया सेल लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी रख रहा है और जनता से अपील की गई है कि वे बिना सत्यापन के कोई भड़काऊ या अफवाह फैलाने वाला संदेश साझा न करें।
COMMENTS