गौतम बुद्ध नगर:
जनपद में बाल मजदूरी के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रूपरेखा तय करते हुए आज कलेक्ट्रेट सभागार में बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति की समीक्षा बैठक एवं जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बाल श्रमिकों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु ठोस रणनीति बनाई गई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर श्रमायुक्त सरजू राम, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस विभाग, श्रमिक संगठन प्रतिनिधि व सीटू, आईबीए और आईआईएस के प्रतिनिधियों समेत कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिनियम 2016 की प्रमुख बातें रेखांकित
अपर श्रमायुक्त सरजू राम ने बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 2016 की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि—
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14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का किसी भी कार्य में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है।
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14 से 18 वर्ष के किशोरों को भी खतरनाक कार्यों में नियोजित करना दंडनीय अपराध है।
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किशोर श्रमिकों को नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों को नियोजन की सूचना 30 दिन के भीतर श्रम विभाग को देनी होगी और नियमित रजिस्टर भी बनाए रखना अनिवार्य होगा।
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कानून उल्लंघन पर 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास या ₹20,000 से ₹50,000 तक जुर्माने का प्रावधान है।

पुनर्वास की ठोस योजना
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक चिन्हित बाल श्रमिक के लिए उनके नियोक्ताओं से ₹20,000 की प्रतिकर राशि वसूल कर उसे बैंक में निवेश किया जाएगा। उस ब्याज सहित राशि से बालक का पुनर्वास एवं शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा PENCIL पोर्टल (pencil.gov.in) के माध्यम से कोई भी व्यक्ति बाल श्रम की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है।
जिलाधिकारी के सख्त निर्देश
जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने निर्देश दिए कि:
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सभी RWA और सोसाइटी गेट पर “बाल श्रम निषेध” के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।
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जो श्रमिक बच्चों को स्कूल नहीं भेजते, उनके बच्चों को निकटतम विद्यालय में दाखिला दिलवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग समन्वय करें।
पिछले एक वर्ष की कार्यवाही
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2024-25 में 594 बाल/किशोर श्रमिक चिन्हित किए गए, जिनमें 445 के विरुद्ध अभियोजन पूर्ण हुआ।
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2025-26 में अब तक 79 नए श्रमिक चिन्हित किए जा चुके हैं और कार्रवाई प्रगति पर है।

समापन संदेश
अपर श्रमायुक्त ने समस्त प्रतिभागियों का आभार जताते हुए अपील की कि यदि किसी को बाल श्रमिकों के नियोजन की जानकारी हो, तो वह तत्काल PENCIL पोर्टल या श्रम कार्यालय, गौतम बुद्ध नगर को सूचित करें।
यह अभियान केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य को बचाने की मुहिम है।
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