गौतमबुद्धनगर, 14 जून 2025।
उत्तर भारत में गर्मी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लू (हीट वेव) का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें गौतमबुद्धनगर जिला भी शामिल है। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को राहत देने के उद्देश्य से आज कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक सराहनीय पहल की।
पुलिस आयुक्त महोदया के निर्देशन में एवं पुलिस उपायुक्त (यातायात) के पर्यवेक्षण में दिनांक 14 जून 2025 को ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए प्रमुख चौराहों और व्यस्ततम स्थानों पर कैनोपी (छाया शेड) और बड़े छाते (यूंब्रेला) लगाए गए, जिससे उन्हें तेज धूप और गर्म हवाओं से कुछ राहत मिल सके।
तेज गर्मी और हीट वेव अलर्ट के बीच एक मानवीय पहल
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने गौतमबुद्धनगर समेत आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है, साथ ही गर्म हवाएं और हीट स्ट्रोक जैसी स्थितियों का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में चौराहों पर खड़े होकर घंटों ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
इसी के मद्देनज़र ट्रैफिक पुलिस कमिश्नरेट ने इस बार proactive approach अपनाते हुए कई प्रमुख चौराहों पर तुरंत प्रभाव से छायादार संरचनाएं लगवा दीं।
जिन स्थानों पर लगाए गए कैनोपी/छाते
इन सभी स्थानों पर ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात कर्मियों की संख्या अधिक होती है और दिनभर भारी यातायात के चलते पुलिसकर्मियों को लंबे समय तक धूप में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे में यह व्यवस्था न केवल उनकी सुरक्षा बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अहम है।
पुलिस की तत्परता और मानव केंद्रित सोच
इस मौके पर पुलिस उपायुक्त (यातायात) ने बताया कि –
“पुलिसकर्मी हमारी सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। इस भीषण गर्मी में उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम आगे भी इसी तरह की सुविधाएं सुनिश्चित करते रहेंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की संभावना है, ऐसे में अन्य चौराहों और प्रमुख स्थानों पर भी छाया व्यवस्था, ठंडा पानी और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है।
जनता का भी मिला सकारात्मक सहयोग
जहां एक ओर पुलिस प्रशासन ने यह व्यवस्था की, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं ने भी इस पहल की सराहना की। कुछ स्थानों पर स्थानीय दुकानदारों ने भी ट्रैफिक पुलिस को पानी और शरबत उपलब्ध कराए। यह प्रशासन और समाज के बीच सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।
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