साहस, संवेदनशीलता और सतर्कता की मिसाल बनी नोएडा पुलिस: गुमशुदा चार वर्षीय बालक को मात्र 3 घंटे में सकुशल माँ से मिलाया
नोएडा, 16 जून 2025
थाना फेस-3 क्षेत्र में दिनांक 16 जून 2025 को एक संवेदनशील और भावुक कर देने वाली घटना घटी, जिसमें नोएडा पुलिस ने अपने कर्तव्यपरायणता, मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की मिसाल पेश करते हुए एक मात्र 4 वर्षीय गुमशुदा बालक को उसके माता-पिता से मिलाया। यह घटना न केवल पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि समाज के प्रति उनकी संवेदनशील जिम्मेदारी को भी उजागर करती है।
घटना का प्रारंभ: डायल 112 की पीआरवी को मिला अकेला बालक
दिनांक 16 जून 2025 को थाना फेस-3 क्षेत्र के अंतर्गत डायल 112 को एक सूचना प्राप्त हुई कि क्षेत्र में एक नन्हा बालक अकेले घूम रहा है, जो घबराया हुआ है और अपने परिजनों से बिछुड़ गया है। तुरंत सक्रिय हुई पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) की टीम मौके पर पहुंची और लगभग 4 वर्षीय इस बच्चे को सुरक्षित अपने संरक्षण में लेकर थाने लाई।
बालक इस कदर भयभीत था कि वह न तो अपना नाम बता पा रहा था, न ही अपने परिजनों के बारे में कोई जानकारी दे रहा था। ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उस बच्चे की पहचान कैसे की जाए और उसके परिवार को कैसे ढूंढा जाए।

पुलिस टीम ने संभाली जिम्मेदारी, शुरू हुई खोज
थाना फेस-3 के प्रभारी द्वारा तत्काल एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसका एकमात्र उद्देश्य था – उस मासूम बच्चे को उसके परिजनों से मिलाना। यह कोई सामान्य कार्य नहीं था, क्योंकि बच्चा बहुत छोटा था और उसकी बोलचाल से कोई पहचान संबंधी जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
इस चुनौती को स्वीकार करते हुए पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम शुरू किया। थाने के आसपास के इलाकों, मार्केट एरिया, कॉलोनियों और अन्य संभावित स्थानों के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को देखा गया, जिससे यह पता चल सके कि बच्चा कहां से आया था या किसके साथ था।
स्थानीय स्तर पर पूछताछ और बालक का फोटो दिखाकर खोजबीन
पुलिस टीम ने न केवल तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया, बल्कि स्थानीय स्तर पर गहन पूछताछ भी शुरू की। आसपास के दुकानदारों, राहगीरों, कॉलोनीवासियों, पार्क में खेलने वाले बच्चों और सुरक्षा गार्डों से बालक के बारे में पूछताछ की गई। बच्चे की तस्वीर को अपने मोबाइल और टैबलेट में रखकर कई स्थानों पर दिखाया गया, ताकि कोई उसे पहचान सके।
इस बीच बच्चे को थाने में पूरी सुरक्षा, देखभाल और प्रेमपूर्वक रखा गया। पुलिसकर्मियों ने बच्चे के मन में डर को कम करने के लिए उसे चॉकलेट, बिस्कुट, और खिलौने भी दिए। महिला पुलिसकर्मियों ने उसे मां जैसा स्नेह देकर यह विश्वास दिलाया कि वह सुरक्षित है और जल्द ही उसे उसके परिवार से मिलाया जाएगा।
अथक प्रयासों के बाद मिली सफलता
लगातार प्रयासों और गहन खोजबीन के बाद आखिरकार वह पल आया जब पुलिस को एक महिला के बारे में सूचना मिली, जो अपने बच्चे के गुम होने की जानकारी लेकर आसपास के क्षेत्रों में खोज रही थी और बेहद व्याकुल अवस्था में थी। पुलिस टीम ने तत्काल उस महिला से संपर्क किया और जब वह थाने पहुंची, तो उसने बच्चे को देखते ही पहचान लिया और फूट-फूटकर रोने लगी।
पुलिस ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर बच्चे को उसकी माँ के सुपुर्द किया। यह दृश्य अत्यंत भावुक कर देने वाला था – माँ का अपने बच्चे से मिलना, उसका आभार और पुलिस के प्रयासों की सराहना हर किसी को प्रेरित कर गई।
माँ ने जताया नोएडा पुलिस के प्रति आभार
बच्चे की माँ ने नोएडा पुलिस की इस मानवीय और संवेदनशील कार्यप्रणाली के लिए खुले दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आज अगर पुलिस ने समय पर मदद न की होती, तो मेरा बच्चा न जाने कहाँ होता। मैं नोएडा पुलिस की सदैव ऋणी रहूंगी। इनका यह सेवा भाव प्रशंसा योग्य है।”
समाज में सकारात्मक संदेश
इस घटना ने समाज में यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था नहीं है, बल्कि वह मानवीय मूल्यों की भी संरक्षक है। बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा और सहायता में पुलिस की सक्रियता और संवेदनशीलता समाज में विश्वास और भरोसे को और मजबूत करती है।
पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया
थाना फेस-3 के प्रभारी निरीक्षक ने बताया, “हमारी प्राथमिकता थी कि बच्चे को सुरक्षित रूप से उसके माता-पिता से मिलाया जाए। टीम ने जिस तरह से तत्परता, सूझबूझ और संवेदनशीलता का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है। हम अपने प्रत्येक कर्मी को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।”
गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह घटना पुलिस की सक्रियता और मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को प्रशंसा पत्र देने की भी घोषणा की।
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