सेंट्रल नोएडा में मासिक अपराध गोष्ठी आयोजित: पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने दिए अपराध नियंत्रण और त्वरित विवेचना के सख्त दिशा-निर्देश
गौतमबुद्धनगर, 14 जून 2025 — पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मासिक अपराध गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह गोष्ठी सेंट्रल नोएडा जोन के पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस ऑफिस सूरजपुर स्थित कार्यालय में आयोजित हुई। इस गोष्ठी की अध्यक्षता डीसीपी सेंट्रल नोएडा श्री शक्ति मोहन अवस्थी ने की, जो एडीसीपी सेंट्रल नोएडा श्री हृदेश कठेरिया के साथ उपस्थित रहे।
गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य जनपद में बढ़ती चुनौतियों, अपराधों की प्रवृत्तियों, और पुलिसिंग की गुणवत्ता को लेकर समीक्षा करना और आवश्यक रणनीतियां बनाना था। इसमें विशेष रूप से थाना प्रभारियों, निरीक्षकों, चौकी प्रभारियों एवं विवेचना अधिकारियों को शामिल किया गया, जिससे कि थाना स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारी सीधे दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकें।
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देशों का पालन अनिवार्य
गोष्ठी के दौरान डीसीपी श्री अवस्थी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह द्वारा पूर्व में जारी किए गए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। इनमें अपराध नियंत्रण, लंबित विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण, गैंगस्टर एक्ट की प्रभावी कार्रवाई और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
डीसीपी ने कहा कि थानों में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और शिकायतकर्ता को यह महसूस हो कि उसकी बात को सुना जा रहा है और कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि लापरवाही या देर करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्ट्रीट क्राइम और चेन स्नैचिंग पर विशेष फोकस
अपराध गोष्ठी में यह बात प्रमुखता से उठाई गई कि शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट क्राइम, जैसे कि झपटमारी, चेन स्नैचिंग, मोबाइल चोरी, और लूट की घटनाएं आम जनमानस में भय का माहौल उत्पन्न करती हैं। डीसीपी अवस्थी ने निर्देशित किया कि ऐसे अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस विजिबिलिटी (सड़क पर पुलिस की सक्रिय मौजूदगी) को बढ़ाया जाए। इसके तहत रात्रि गश्त, मोटरसाइकिल पेट्रोलिंग और पिकेटिंग को तेज किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों की पहचान कर उनके विरुद्ध पूर्व में की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाए और आवश्यकतानुसार निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। एडीसीपी श्री हृदेश कठेरिया ने थानों से रिपोर्ट मांगी कि किन-किन शातिर अपराधियों को पिछले 3 माह में गिरफ्तार किया गया है और किनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट, एनएसए या गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई लंबित है।
लंबित माल और विवेचनाओं का जल्द निस्तारण
गोष्ठी के दौरान लंबित माल (सीज सामान, जब्त गाड़ियां, मोबाइल, नकदी आदि) के निस्तारण को लेकर भी निर्देश दिए गए। डीसीपी ने कहा कि जिन मामलों में न्यायालय से अनुमति मिल चुकी है, उनके माल को तत्काल निस्तारित किया जाए। इससे जहां एक ओर न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं पुलिस थानों में जगह की समस्या भी कम होगी।
इसके साथ ही लंबित विवेचनाओं के त्वरित निस्तारण पर बल दिया गया। डीसीपी ने कहा कि प्रत्येक विवेचना अधिकारी को सप्ताहवार रिपोर्ट देनी होगी कि कितने प्रकरण निस्तारित किए गए और कितने प्रगति पर हैं। किसी भी थाना प्रभारी की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
IGRS और जनशिकायतों की प्रभावी मॉनिटरिंग
IGRS (Integrated Grievance Redressal System) पर दर्ज जनशिकायतों का समयबद्ध निस्तारण भी चर्चा का प्रमुख विषय रहा। डीसीपी ने कहा कि ऑनलाइन दर्ज होने वाली शिकायतें शासन स्तर तक ट्रैक होती हैं, इसलिए उनका समय पर समाधान जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिकायत की सत्यता की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए और शिकायतकर्ता को समयबद्ध फीडबैक दिया जाए।
इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर थाना दिवस और समाधान दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन को प्रभावी बनाने की बात भी कही गई, जिससे कि आम नागरिक सीधे तौर पर अपनी समस्या उच्चाधिकारियों तक पहुंचा सकें।
वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई
डीसीपी अवस्थी और एडीसीपी कठेरिया ने अपराध शाखा और थानों को यह निर्देश दिया कि जनपद में सक्रिय वांछित अपराधियों की सूची को अद्यतन किया जाए और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया जाए तथा आवश्यकतानुसार सीसीटीवी, तकनीकी निगरानी और सोशल मीडिया की सहायता भी ली जाए।
गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत चिन्हित अपराधियों की संपत्ति को चिन्हित कर उस पर जब्तीकरण की कार्रवाई तेज करने के भी निर्देश दिए गए। इस संबंध में पुलिस-राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर समन्वय से कार्य करने पर जोर दिया गया।
अपराध नियंत्रण हेतु समन्वित रणनीति की आवश्यकता
गोष्ठी में यह बात प्रमुखता से उभरी कि अपराध नियंत्रण के लिए केवल थाने या पुलिस बल की नहीं, बल्कि पूरे पुलिस प्रशासन के समन्वय की आवश्यकता है। यातायात पुलिस, अपराध शाखा, साइबर सेल, महिला हेल्पलाइन, एंटी रोमियो स्क्वॉड और बीट पुलिसिंग सभी को मिलकर एकीकृत रणनीति पर कार्य करना होगा।
डीसीपी ने कहा कि "पुलिस केवल अपराध की घटना होने के बाद ही नहीं, बल्कि उससे पहले भी सक्रिय रहे, यही हमारी प्राथमिकता है।" उन्होंने थाना प्रभारियों से बीट कॉन्स्टेबल्स की कार्यप्रणाली की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा।
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