गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट के ऑडिटोरियम में 31 अक्टूबर 2025 को “Need of the Hour: Cyber Security Protocols for Public & Private Enterprises” विषय पर साइबर विशेषज्ञों की पैनल चर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और निजी व सार्वजनिक संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करना रहा।
डिजिटल खतरों के बढ़ते जाल को देखते हुए पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में आज “Need of the Hour: Cyber Security Protocols for Public & Private Enterprises” विषय पर एक विशेष पैनल चर्चा का आयोजन पुलिस आयुक्त कार्यालय के ऑडिटोरियम में किया गया।
कार्यक्रम में मल्टीनेशनल कंपनियों के साइबर सिक्योरिटी हेड, तकनीकी संस्थानों के प्रोफेसर, वरिष्ठ साइबर विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने उद्घाटन संबोधन में कहा कि साइबर अपराधों का स्वरूप लगातार जटिल होता जा रहा है, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी, डेटा चोरी, सोशल इंजीनियरिंग, फिशिंग अटैक और रैनसमवेयर जैसे खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हर उद्यम के लिए साइबर स्वच्छता (Cyber Hygiene) और मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल अब अनिवार्य हैं।”
लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कमिश्नरेट स्तर पर नागरिकों, छात्रों और कॉर्पोरेट संस्थानों को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण देने के अभियान लगातार चल रहे हैं।
कार्यक्रम में यह भी चर्चा हुई कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक संयुक्त सामाजिक उत्तरदायित्व है, जिसमें आम नागरिकों की भूमिका भी उतनी ही अहम है।
अंत में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने उपस्थित साइबर विशेषज्ञों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था डॉ. राजीव नारायण मिश्र, प्रभारी डीसीपी साइबर क्राइम श्रीमती शैव्या गोयल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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