फतेहपुर, 19 जून 2025। जिले के स्वास्थ्य तंत्र पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार देर रात जिला अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के अभाव में दो वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्चे को समय पर ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं नहीं दी गईं, जिससे उसने मात्र 10 मिनट में दम तोड़ दिया। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।
जानकारी के अनुसार, हरदो ब्लॉक निवासी युवक ने बताया कि उसका दो वर्षीय बेटा अचानक बीमार पड़ गया था। हालत बिगड़ने पर उसे नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) हरदो में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन जब जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे, तब तक देर हो चुकी थी।
परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ समय पर उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि बच्चे को ऑक्सीजन और दवा नहीं दी गई, जिससे इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मौत की पुष्टि होते ही परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और न्याय की मांग की।
वहीं, मामले पर जिला अस्पताल के CMS डॉ. पीके सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि “बच्चा ब्रॉड डेड अवस्था में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने तुरंत जांच की, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।”
फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
COMMENTS