भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर को जारी अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की घोषणा में रेपो रेट 5.5% पर बनाए रखा। इस फैसले से लाखों होम लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बड़ी खबर आई है, जिसने करोड़ों भारतीयों को निराश कर दिया। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की दो दिन तक चली बैठक (29-30 सितंबर) के बाद घोषणा की गई कि रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रहेगा।
देशभर के नागरिकों को उम्मीद थी कि रेपो रेट में कटौती की जाएगी, जिससे बैंकों से लिए गए होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI में राहत मिलेगी। लेकिन MPC के निर्णय के अनुसार, फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। इसे घटाने या बढ़ाने से आम जनता की EMI और बाजार में धन का प्रवाह प्रभावित होता है। यदि रेपो रेट घटती, तो बैंकों से लोन लेना सस्ता हो जाता और EMI में कमी आती।
इस फैसले के कारण होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI में कोई राहत नहीं होगी। निवेशकों और व्यापारियों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। वहीं, रिवर्स रेपो रेट के तहत बैंक अपने अतिरिक्त पैसे RBI में जमा कर ब्याज प्राप्त करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए RBI ने वर्तमान दर को बनाए रखना उचित समझा। इस फैसले ने वित्तीय योजनाओं और कर्ज भुगतान में लोगों की उम्मीदों पर बड़ी चोट पहुंचाई है।
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