मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में 3,96,602 विद्यार्थियों को ₹89.96 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि का डिजिटल हस्तांतरण किया।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को राजधानी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लाखों छात्रों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में 3,96,602 छात्र-छात्राओं को ₹89.96 करोड़ की छात्रवृत्ति का सीधा हस्तांतरण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि शिक्षा ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत की सच्ची नींव है। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले छात्रवृत्ति समय पर और निष्पक्ष तरीके से छात्रों तक नहीं पहुंचती थी। सितंबर-अक्टूबर में मिलने वाली राशि मार्च-अप्रैल में दी जाती थी और उसमें भी भेदभाव होता था। उन्होंने बताया कि 2016 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति ही नहीं दी गई थी।

योगी ने याद दिलाया कि 2017 में सरकार बनने के बाद उनकी सरकार ने दो वर्षों की छात्रवृत्ति एक साथ दी, जिसमें 2016-17 की भी राशि शामिल थी। उन्होंने कहा कि अब छात्रवृत्ति बिना किसी हस्तक्षेप के सीधे डीबीटी के माध्यम से छात्रों के खातों में पहुंच रही है। सीएम ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2017-18 में जहां ₹1,648 करोड़ की छात्रवृत्ति दी जाती थी, वहीं 2025-26 में यह राशि दोगुनी हो चुकी है। इसी वित्तीय वर्ष में वंचित वर्गों को ₹2,825 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है।

पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण बजट को भी ₹11 करोड़ से बढ़ाकर ₹35 करोड़ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने छात्रों से अपील की कि वे छात्रवृत्ति का उपयोग केवल पढ़ाई और भविष्य निर्माण के लिए करें। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें समाज को बांटने का काम कर रही हैं, लेकिन हमें एकजुट रहकर हर वंचित को शिक्षा से जोड़ना होगा।

सीएम योगी ने One Nation-One Scholarship व्यवस्था की ओर संकेत करते हुए कहा कि शिक्षा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प की सबसे बड़ी कुंजी है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा ही हमें आत्मनिर्भर बनाएगी और सतत विकास के लक्ष्य की ओर ले जाएगी।
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