नोएडा जिला अस्पताल में शव वाहन घोटाले का खुलासा हुआ है, जहां मरीजों के निधन के बाद भी परिजनों से अवैध रूप से पैसा वसूला जा रहा है। डॉक्टर असद महमूद ने इस मामले में सरकारी शव वाहन चालकों के खिलाफ शिकायत की है।
नोएडा जिला अस्पताल में शव वाहन घोटाला: मरने के बाद भी वसूली, डॉक्टर ने खोला बड़ा राज
नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल में मरीजों के निधन के बाद भी परिजनों से पैसा वसूलने का घिनौना खेल चल रहा है, और इस भ्रष्टाचार की पोल अस्पताल के इमरजेंसी और आईसीयू प्रभारी डॉ. असद महमूद ने एक पत्र के जरिए खोली है।
डॉ. महमूद ने सीएमएस और सीएमओ को लिखे गए अपने पत्र में खुलासा किया कि 23 दिसंबर 2024 को सुबह 10:01 बजे 59 वर्षीय मरीज सावित्री का निधन हो गया। मरीज के परिजनों ने शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल के सरकारी शव वाहन चालक कृष्ण कांत से संपर्क किया। लेकिन, कृष्ण कांत ने सरकारी वाहन की बजाय एक प्राइवेट शव वाहन चालक नीरज (आनंद एंबुलेंस सेवा) का नंबर दिया। इसके बाद परिजनों से शव को सेक्टर-22 स्थित घर तक पहुंचाने के लिए 1500 रुपये वसूल किए गए।
डॉ. असद महमूद का आरोप है कि अस्पताल में तैनात सरकारी शव वाहन चालक कृष्ण कांत और संतोष तिवारी शवों को सरकारी वाहनों में रखने के बजाय निजी वाहनों से भेजते हैं और इसके एवज में अवैध रूप से धन वसूली करते हैं।
यह गंभीर आरोप अस्पताल प्रशासन की छवि को धूमिल करने के साथ ही उन परिवारों के लिए दुखद स्थिति पैदा करता है जो पहले ही अपने प्रियजन को खो चुके होते हैं।
अस्पताल प्रशासन ने इस गंभीर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह भ्रष्टाचार इतनी आसानी से रुक पाएगा या फिर यह अमानवीय वसूली का खेल लंबे समय से चलता आ रहा है?