गाजियाबाद के विजय नगर स्थित रोज़ बैल पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हरनंदी महानगर द्वारा डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में सामाजिक समरसता और भारतीय विचारों पर विशेष चर्चा हुई।
गाजियाबाद, विजय नगर की एक खुशनुमा सुबह...
रोज़ बैल पब्लिक स्कूल का माहौल आज कुछ खास था। स्कूल परिसर में बजी शंखध्वनि, श्रद्धा से झुके हुए सिर और समाज के हर वर्ग से आए हुए लोग—सब एक ही लक्ष्य से इकट्ठा हुए थे: भारत रत्न डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने और उनके विचारों को फिर से आत्मसात करने।
कार्यक्रम का आयोजन किया था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हरनंदी महानगर ने। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी, स्वयंसेवक और समाज के जागरूक नागरिक बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहे डॉक्टर हेमेंद्र जी, जो संघ के प्रांत सामाजिक सद्भाव प्रमुख हैं। उन्होंने बहुत सरल लेकिन प्रभावशाली शब्दों में बाबासाहेब के जीवन को याद किया। उन्होंने कहा:
“डॉक्टर आंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि समाज को जोड़ने वाले विचारों के वाहक थे। उन्होंने धर्म परिवर्तन भी सोच-समझकर किया और बौद्ध धर्म को अपनाया, क्योंकि वह हिंदू मूल्यों की आत्मा से भलीभांति परिचित थे।”

कार्यक्रम में संघ के हरनंदी महानगर के वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहे—संघचालक श्री प्रदीप जी, सह संघचालक श्री जितेंद्र जी और सह महानगर कार्यवाह श्री शिवकुमार जी। इन सभी ने मिलकर समाज में समानता, समरसता और भारतीयता के मूल विचारों को आगे बढ़ाने की बात कही।
यह कार्यक्रम सिर्फ एक जयंती समारोह नहीं था, यह एक संदेश था—एक विचार की मशाल, जो समाज को जोड़ने के लिए जलाई गई थी।

COMMENTS