वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में भारी हंगामा हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच तीखी नोकझोंक के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इसके परिणामस्वरूप 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया और बैठक को 27 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कल्याण बनर्जी ने बैठक के माहौल को 'अघोषित आपातकाल' जैसा बताया, जबकि बैठक में वक्फ विधेयक पर गर्म बहस चल रही थी।
दिल्ली में शुक्रवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में बड़ा हंगामा हुआ, जिसने संसद परिसर का माहौल गरमा दिया। यह बैठक तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे के बीच तीखी नोकझोंक के कारण विवादित हो गई। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, और देखते ही देखते बैठक में हंगामा मच गया। हालात काबू से बाहर होते देख, विपक्षी सांसदों को समिती से दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया और बैठक को 27 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया।
हंगामे के बाद त्वरित कार्रवाई: 10 विपक्षी सांसदों का निलंबन
बैठक के दौरान हुए हंगामे के कारण विपक्षी सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की गई। वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दलों के 10 सांसदों को दिनभर के लिए समिति से निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी (TMC), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), ए राजा (DMK), असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM), नासिर हुसैन (कांग्रेस), मोहिबुल्लाह (TMC), एम अब्दुल्ला (CPI), अरविंद सावंत (शिवसेना), नदीमुल हक (कांग्रेस) और इमरान मसूद (कांग्रेस) शामिल हैं। इन सांसदों को निलंबित करने के बाद, समिति ने बैठक को 27 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
कल्याण बनर्जी ने बैठक के माहौल को बताया आपातकाल जैसा
वक्फ संशोधन विधेयक पर होने वाली इस संयुक्त संसदीय समिति की बैठक पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने तीखा आरोप लगाया। उन्होंने बैठक को लेकर कहा कि "यहां अघोषित आपातकाल जैसा माहौल था। सभापति बैठक को लगातार आगे बढ़ा रहे थे और वह किसी की बात नहीं सुन रहे थे। हमसे कहा गया था कि 24 और 25 जनवरी को बैठक होगी, लेकिन आज (शुक्रवार) का एजेंडा पूरी तरह से बदल दिया गया है।"
उनका आरोप था कि समिति के सभापति की ओर से एकतरफा तरीके से बैठक चलाने का प्रयास किया जा रहा था, और विपक्षी सांसदों को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा था। इसके बाद, स्थिति और बढ़ गई, और हंगामा मच गया।
बैठक के मुद्दे पर राजनीतिक तनाव
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का मुद्दा पहले से ही एक संवेदनशील विषय बना हुआ था, जिस पर राजनीति भी गर्माई हुई थी। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार करना और उसमें अधिक पारदर्शिता लाना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर कई आपत्तियां जताई हैं, और इसे मुस्लिम समुदाय के मामलों में सरकार की दखलअंदाजी के रूप में देखा जा रहा है।
इसी विवाद को लेकर शुक्रवार को संसद परिसर में यह हंगामा हुआ, और राजनीति में और ज्यादा तनाव आ गया। विपक्षी सांसदों का कहना था कि सरकार वक्फ के मामलों में अधिक हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है, जबकि सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की कार्यशैली को सुधारने के लिए लाया जा रहा है।
अगली बैठक 27 जनवरी को होगी
बैठक में हुई इस भारी उठापटक के बाद, अब यह तय किया गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा 27 जनवरी को फिर से होगी। इस दौरान इस बिल को लेकर सांसदों के बीच एक नया मोड़ देखने को मिल सकता है। फिलहाल, यह राजनीतिक घटनाक्रम इस बात का संकेत दे रहा है कि आने वाले दिनों में वक्फ विधेयक पर और भी विवाद हो सकता है, और इसके संसद में पास होने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
इस घटना ने इस विधेयक को लेकर संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह तीव्र राजनीतिक चर्चाएं शुरू कर दी हैं, और सभी की निगाहें 27 जनवरी को होने वाली बैठक पर टिकी हुई हैं।
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