दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के पंजाबियों पर विवादित बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। वर्मा ने पंजाब नंबर की गाड़ियों को सुरक्षा के लिहाज से खतरा बताया, जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे अपमानजनक और चिंताजनक करार दिया। मान ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे पंजाबियों को निशाना बना रहे हैं, जबकि देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। वर्मा ने मान और केजरीवाल के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि दावा करते हुए उनके आरोपों को झूठा बताया। इस सियासी घमासान में भाजपा, आप और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं, जो दिल्ली चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के माहौल में भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के एक बयान ने राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है। वर्मा ने पंजाब नंबर की गाड़ियों को सुरक्षा के लिहाज से खतरा बताते हुए एक बयान दिया, जिसे लेकर पंजाबियों में भारी गुस्सा फैल गया। उनका कहना था कि पंजाब नंबर की गाड़ियां दिल्ली में खतरे का संकेत हो सकती हैं। इस बयान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वर्मा पर तीखा हमला करते हुए इसे न केवल चिंताजनक बल्कि पंजाबियों के लिए अपमानजनक भी करार दिया।
भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, और यहां हर राज्य की गाड़ियां चलती हैं। कोई भी राज्य अपनी गाड़ियों के साथ देश के किसी भी हिस्से में आ सकता है। मान ने वर्मा की टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा नेता पंजाब नंबर की गाड़ियों को चिह्नित करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं, जैसे कि पंजाबियों का देश की सुरक्षा से कोई संबंध हो। उन्होंने यह भी कहा, "ऐसा बयान मेरे और देश के हर पंजाबी के लिए अत्यधिक अपमानजनक है। आज हर पंजाबी इस बात से दुखी और अपमानित महसूस कर रहा है।"
इससे भी गंभीर बात यह है कि भगवंत मान ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि अगर वर्मा को पंजाब नंबर की गाड़ियों से इतनी परेशानी है, तो क्या भाजपा देश की सुरक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभा रही है? मान ने कहा, "गृहमंत्री अमित शाह न तो देश के बॉर्डर को सुरक्षित रख पा रहे हैं और न ही दिल्ली की सुरक्षा पर ध्यान दे पा रहे हैं। हजारों बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए देश में घुस रहे हैं, लेकिन इन्हें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन पंजाब से आने वाली गाड़ियों को खतरा मानना यह बेहद अपमानजनक है। भाजपा को पंजाबियों से माफी मांगनी चाहिए।"
दूसरी तरफ, भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने इस विवाद को और बढ़ाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा किया है। वर्मा ने दोनों नेताओं को कानूनी नोटिस भेजते हुए कहा कि उन्होंने उनके खिलाफ झूठे और बेबुनियाद बयान दिए हैं, जिसका उद्देश्य उनके खिलाफ चुनावी प्रचार के दौरान उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना था। वर्मा ने आरोप लगाया कि मान और केजरीवाल ने जानबूझकर उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और उन्हें गलत तरीके से चित्रित किया।
वर्मा ने यह भी कहा कि उनके परिवार ने सिख समुदाय के लिए जो कुछ भी किया है, वह किसी से छुपा नहीं है। उनके अनुसार, यह बयान राजनीति से प्रेरित और पूरी तरह से झूठा है। वर्मा ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस को प्रमाण भी सौंपे हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पंजाब से हजारों गाड़ियां दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए लाई गईं, जिनमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के मंत्री और विधायक शामिल थे।
इस राजनीतिक विवाद के बीच, दिल्ली की राजनीति में और भी घटनाक्रम हो रहे हैं। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक बयान में शीला दीक्षित के शासनकाल की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो प्रतिष्ठा शीला दीक्षित के शासनकाल में थी, वह अब कहीं नजर नहीं आ रही। सिंह ने दिल्लीवासियों से कांग्रेस को एक मौका देने की अपील की ताकि वे शीला दीक्षित के सपनों को पूरा कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ जनता को झूठे सपने दिखाने में लगे हैं, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
दिल्ली चुनाव में यह सियासी टकराव अब एक नई दिशा में मोड़ ले चुका है। भाजपा और आप के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की यह लड़ाई चुनावी माहौल को और गरमाने वाली है। जहाँ एक ओर भाजपा अपने उम्मीदवार वर्मा के पक्ष में खड़ी है, वहीं दूसरी ओर आप और कांग्रेस दोनों ही इस अवसर का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने में कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि दिल्ली की जनता इन सभी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच किस पार्टी को अपनी बहुमत का तोहफा देती है।
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