महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को समर्थन देने के लिए 17 शर्तें रखी हैं। इन शर्तों में वक्फ बिल का विरोध, मुस्लिमों को आरक्षण और आरएसएस पर बैन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। जानें उलेमा बोर्ड की प्रमुख मांगें और इसका चुनावी समीकरण पर असर।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र, राजनीति में एक नया मोड़ आया है। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को समर्थन देने के लिए 17 शर्तें रखी हैं, जिनमें वक्फ बिल का विरोध, मुस्लिमों के लिए आरक्षण और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग शामिल है। बोर्ड ने 7 नवंबर को NCP के शरद पवार, शिवसेना (UBT) के उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नाना पटोले को पत्र भेजकर इन शर्तों को मानने की मांग की है।
महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड की शर्तें:
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने एमवीए नेताओं से यह साफ किया है कि यदि उनकी शर्तें मान ली जाती हैं, तो वे गठबंधन के उम्मीदवारों का प्रचार करेंगे और चुनाव में MVA का समर्थन करेंगे। बोर्ड की प्रमुख 17 मांगों में शामिल हैं:
- वक्फ बिल का विरोध: बोर्ड ने एमवीए से वक्फ बिल का विरोध करने की अपील की है।
- मुसलमानों को 10% आरक्षण: नौकरी और शिक्षा में मुस्लिम समुदाय को 10% आरक्षण प्रदान करने की मांग की गई है।
- RSS पर बैन: बोर्ड ने एमवीए से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है।
- मुस्लिम युवाओं के लिए पुलिस भर्ती में प्राथमिकता: पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता देने की शर्त रखी गई है।
- मौलाना सलमान अजहरी को रिहा किया जाए: बोर्ड ने मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए पीएम मोदी को खत लिखने की मांग की है।
इसके अलावा, अन्य शर्तों में मस्जिदों के इमामों और मौलानाओं को हर महीने 15,000 रुपये देने, वक्फ बोर्ड के लिए 1000 करोड़ रुपये का फंड और महाराष्ट्र में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग शामिल हैं।
चुनाव में मुस्लिम वोटों का महत्व:
महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में 38 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20% से अधिक है। इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 40% से ज्यादा है। पिछले चुनावों में महाविकास अघाड़ी को अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन मिला था, और इस बार भी उलेमा बोर्ड का समर्थन चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
सियासी गहमागहमी:
अब देखना यह है कि क्या एमवीए के नेता इन शर्तों को मानते हैं और उलेमा बोर्ड को आश्वासन पत्र देते हैं। राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है, और चुनावों से पहले इस गठबंधन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव प्रचार तेज हो गया है, और 20 नवंबर को मतदान होगा। महाराष्ट्र में चुनावी जंग अब और भी रोचक हो गई है, जहां एक तरफ भाजपा महायुति है, वहीं दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी और मुस्लिम उलेमा बोर्ड के इस गठबंधन से आगामी चुनावों के परिणाम पर असर पड़ सकता है।