उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह पर सभी बाल देखरेख संस्थाओं में विशेष सेल्फ डिफेंस कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिसमें बालिकाओं को आत्मरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने के व्यावहारिक कौशल सिखाए गए।
महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश ने मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम पर आज प्रदेश की सभी बाल देखरेख संस्थाओं में विशेष सेल्फ डिफेंस कार्यशालाओं का आयोजन किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा के व्यावहारिक कौशल सिखाना और उनमें आत्मविश्वास व सुरक्षा की भावना को मजबूत करना रहा।
कार्यशालाओं के दौरान प्रशिक्षकों ने बालिकाओं को सरल और प्रभावी तकनीकें सिखाईं, जिन्हें संकटपूर्ण परिस्थितियों में तुरंत अपनाकर खुद की रक्षा की जा सके। मानसिक साहस, सजगता और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित करने पर भी जोर दिया गया। बालिकाओं ने सक्रिय भागीदारी के साथ सीखा कि कठिन परिस्थितियों में घबराने के बजाय कैसे साहस और आत्मविश्वास के साथ प्रतिक्रिया दी जा सकती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने बताया कि बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाली बालिकाएँ पहले ही विपरीत परिस्थितियों का सामना कर चुकी हैं। उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण केवल सुरक्षा का कवच नहीं देता, बल्कि उनके मनोबल और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। मिशन शक्ति का लक्ष्य है कि हर बालिका निर्भय होकर अपने सपनों की ओर बढ़ सके।
मिशन शक्ति के पांचवें चरण के दौरान 22 सितम्बर से 5 अक्टूबर 2025 के बीच कुल 13.58 लाख व्यक्तियों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएँ, पुरुष, बालक और बालिकाएँ शामिल थे। आज की कार्यशालाओं ने स्पष्ट किया कि आत्मरक्षा बालिकाओं के जीवन में सुरक्षा कवच और आत्मबल का माध्यम है।
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