
योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल मुख्यालय में सोमवार को "मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद" संवाद से सशक्तिकरण की ओर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस विशेष जनसुनवाई कार्यक्रम में गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों से आईं 45 से अधिक महिलाओं ने अपनी समस्याओं को सीधे मंडलायुक्त के सामने रखा। कार्यक्रम के पहले ही दिन प्रशासन की सक्रियता देखने को मिली, जहां चार महिलाओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। इससे शिकायतकर्ताओं के चेहरे खिल उठे और उनके मन में प्रशासन के प्रति नया विश्वास जागा।
जनसुनवाई के दौरान महिलाओं ने भूमि विवाद, चकरोड मार्ग, राशन कार्ड, आवास और अन्य विभागीय समस्याओं को सामने रखा। मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निस्तारण करने का निर्देश दिया। राशन कार्ड से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्होंने डिप्टी कमिश्नर फूड विजय प्रभा को कार्यालय तलब किया और आदेश दिया कि दो से तीन दिनों के भीतर सभी समस्याओं का समाधान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कार्यक्रम में मौजूद महिला अधिकारियों- अपर आयुक्त न्यायिक मीनू राणा और उपायुक्त खाद्य विजय प्रभा ने भी महिलाओं की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुना और तत्काल समाधान हेतु आवश्यक निर्देश जारी किए।
महिला शिकायतकर्ताओं की सुविधा के लिए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई थी। यह डेस्क उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से सहायक साबित हुई, जो स्वयं प्रार्थना पत्र लिखने में असमर्थ थीं। हेल्प डेस्क कर्मियों ने उनकी समस्याओं को सुनकर उचित प्रारूप में आवेदन तैयार कराया और अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस कदम ने महिलाओं को बड़ी राहत दी। कार्यक्रम में नाजरीन, लक्ष्मी देवी, पूनम, सीमा, चंदा देवी, काजल, विनीता, राजकुमारी, मोनिका और उमा समेत बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और अपनी समस्याओं को बेझिझक रखा।
मंडलायुक्त ने जनसुनवाई के दौरान कई विभागीय अधिकारियों को फोन पर तलब किया और समस्याओं के समाधान की समयसीमा तय की। उन्होंने कहा कि शिकायतें संबंधित अधिकारियों को व्हाट्सएप पर भेजी जा रही हैं और सभी अधिकारियों को इन्हें गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द निस्तारित करना होगा। महिलाओं ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि प्रशासन ने उन्हें एक सशक्त मंच दिया है, जहां उनकी आवाज सुनी जा रही है। साथ ही उन्हें विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के विजन से भी अवगत कराया गया और कई महिलाओं ने इस योजना पर अपने सुझाव साझा किए। इस जनसुनवाई ने महिलाओं में यह विश्वास मजबूत किया कि प्रशासन उनकी समस्याओं को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है।
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