बिहार में एक बार फिर एक बड़े घोटाले की परतें खुल रही हैं। रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नालंदा के इस्लामपुर के मुजफ्फरा गांव में बड़ी कार्रवाई की। आरोप है कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई, और इसका दायरा सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। छापेमारी की शुरुआत सुबह 5 बजे हुई, जब ईडी की टीम परमानंद सिन्हा के घर पहुंची। परमानंद सिन्हा, जो जदयू नेता अर्चना सिन्हा के पति हैं, इस घोटाले की एक महत्वपूर्ण कड़ी माने जा रहे हैं। ईडी की टीम करीब 10 घंटे से उनके घर की तलाशी ले रही है और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं।
पटना से मैंगलुरु तक फैला जाल
इस घोटाले की जड़ें बिहार के पटना और नालंदा से लेकर कर्नाटक के मैंगलुरु तक फैली हुई हैं। ईडी की टीमें इन तीन जगहों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में जुड़े कई जुडिशियल अधिकारी, वकील और सरकारी कर्मचारी भी जांच के घेरे में हैं। ईडी की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है, और कई अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी हो सकती है।
कैसे खुला घोटाले का राज?
इस घोटाले की परतें तब खुलनी शुरू हुईं, जब सीबीआई ने रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी मुआवजा दावों की जांच की। आरोप है कि फर्जी दावे दायर कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई। इन दावों में दुर्घटना या बीमारी के आधार पर मुआवजा मांगा गया, लेकिन सबकुछ फर्जी निकला। इस मामले में परमानंद सिन्हा और उनके बड़े भाई, वकील विद्यानंद सिंह, पर घोटाले में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कैसे फर्जी दस्तावेजों के जरिए मुआवजा हासिल किया गया और इन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ।
विपक्ष का वार, सरकार पर सवाल
जैसे ही ईडी की कार्रवाई की खबर फैली, विपक्ष ने बिहार सरकार पर निशाना साध लिया। राजद और भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जदयू नेताओं के संरक्षण में यह घोटाला चल रहा था। हालांकि, जदयू ने इन आरोपों को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया है।
क्या है रेलवे क्लेम घोटाला?
यह घोटाला रेलवे के मुआवजा नियमों के गलत इस्तेमाल से जुड़ा है। आरोप है कि करीब 100 करोड़ रुपये की फर्जी मुआवजा राशि निकाली गई। नियमों के अनुसार, रेलवे दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में मुआवजा देता है, लेकिन इस मामले में फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़ी रकम हड़पी गई।
ईडी की सख्त नजर
ईडी की कार्रवाई अभी जारी है, और ऐसा माना जा रहा है कि जांच में और भी कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, ईडी को कई ठोस सबूत मिले हैं, जो घोटाले की जड़ तक पहुंचने में मदद करेंगे।
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