ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के विरुद्ध ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा सख्त अभियान जारी है। इसी क्रम में बुधवार, 25 जून 2025 को प्राधिकरण की ओर से भनौता गांव खसरा नं. 366 में स्थित लगभग 40,000 वर्ग मीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए, भू-माफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया गया। इस भूमि की बाजार कीमत लगभग 80 करोड़ रुपये आंकी गई है।
अवैध प्लॉटिंग पर चला प्राधिकरण का बुलडोज़र
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खसरा संख्या 366 में कुछ कालोनाइजरों द्वारा बिना अनुमति और बिना मानचित्र स्वीकृत कराए प्लॉटिंग की जा रही थी। प्राधिकरण द्वारा पहले भी उन्हें नोटिस जारी किया गया था, बावजूद इसके चोरी-छिपे अवैध निर्माण जारी था। इस पर CEO एन. जी. रवि कुमार और ACEO प्रेरणा सिंह के निर्देश पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्राधिकरण की वर्क सर्किल-2, परियोजना विभाग की टीम ने पुलिस बल के सहयोग से ध्वस्तीकरण अभियान चलाया।
तीन घंटे में जेसीबी और डंपरों की मदद से हटाया गया अतिक्रमण
इस अभियान का नेतृत्व प्राधिकरण के महाप्रबंधक (GM) श्री A.K Singh ने किया। कार्रवाई में ओएसडी भूलेख राम नयन सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक सन्नी यादव, प्रभात शंकर, स्वतंत्र वर्मा, विवेक किशोर, अभिषेक पाल, नितीश कुमार, जेई नरेश गुप्ता, हरिंद्र सिंह, राम किशन समेत परियोजना विभाग की टीम एवं स्थानीय पुलिस बल सम्मिलित रहा।
06 जेसीबी और 05 डंपरों की सहायता से यह कार्रवाई तीन घंटे में संपन्न की गई, जिसमें पूरे क्षेत्र को समतल करते हुए अतिक्रमण हटाया गया।
प्राधिकरण की सख्त चेतावनी
ACEO सुमित यादव ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि,
“ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए या बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा और उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी भूमि की खरीद-फरोख्त करने से पहले प्राधिकरण से पूरी जानकारी लें। किसी अवैध कॉलोनी में निवेश कर अपनी मेहनत की कमाई को जोखिम में न डालें।
प्राधिकरण की अपील: सावधानी ही सुरक्षा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आम नागरिकों से यह भी अनुरोध करता है कि वे किसी भी रियल एस्टेट सौदे से पहले संबंधित भूखंड की विधिक स्थिति, अनुमोदन और नक्शा मंजूरी से जुड़ी जानकारी अवश्य प्राप्त करें। अवैध प्लॉटिंग या निर्माण में लिप्त पाए जाने पर न केवल कार्रवाई की जाएगी, बल्कि आवश्यकतानुसार एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है।
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