नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने और स्थानीय समुदायों को दीर्घकालिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना विशेष रूप से जेवर क्षेत्र के उन परिवारों पर केंद्रित है जिन्होंने अपनी भूमि देकर इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को संभव बनाया। एयरपोर्ट निर्माण और संचालन का मूल सिद्धांत यही है कि इसका सीधा लाभ स्थानीय समाज और परियोजना प्रभावित परिवारों (PAF) को मिले।
एयरपोर्ट के विकास और संचालन की जिम्मेदारी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के पास है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर काम करती है। वहीं, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) UP सरकार, NOIDA, GNIDA और YEIDA का संयुक्त उपक्रम है, जो परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी की भूमिका निभा रहा है।
YIAPL ने एयरपोर्ट निर्माण और भविष्य के संचालन में विशेषज्ञता सुनिश्चित करने के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स, TFS, इंडियन ऑयल, एयर इंडिया SATS और बर्ड ग्रुप सहित 30 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है। इन साझेदारियों से 5,000 से अधिक रोजगार अवसर पैदा हो रहे हैं, जिनमें न्यूनतम मजदूरी, PF, ESI, ग्रेच्युटी और अन्य लाभ शामिल हैं।
PAF परिवारों के लिए YIAPL, NIAL और जिला प्रशासन द्वारा एक ऑनलाइन करियर पोर्टल बनाया गया है, जिस पर 180 से अधिक युवाओं ने पंजीकरण किया है। 11 सितंबर, 31 अक्टूबर और 2 दिसंबर 2025 को तीन रोजगार शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 300 से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए और अब तक 24 ऑफ़र लेटर जारी किए जा चुके हैं।
कौशल विकास के तहत ITI जेवर में आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएँ तैयार की गई हैं। अगस्त से अक्टूबर 2025 के बीच पैसेंजर हैंडलिंग और रैम्प ऑपरेशंस के दो कोर्स आयोजित हुए, जिनमें 28 छात्रों ने प्रशिक्षण पूरा किया और 24 को नौकरी प्रस्ताव मिले। साथ ही 100 से अधिक युवाओं को सॉफ्ट स्किल्स और स्पोकन इंग्लिश का प्रशिक्षण दिया गया।
NIA एक विश्वस्तरीय, नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य वाला एयरपोर्ट है, जो अपने पहले चरण में 1.2 करोड़ यात्री क्षमता के साथ दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी को वैश्विक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।


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