प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के
इस मंदिर में 22 मई को दर्शन करेंगे और इस खबर से श्रद्धालुओं
में उत्साह है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी अनोखी
परंपराओं के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
आइए जानते हैं मंदिर का इतिहास.
करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में
स्थित है और यह अपने अनूठे 'चूहों वाले मंदिर' के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है। करणी माता को देवी
दुर्गा का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि वे 15वीं शताब्दी में जीवित थीं और उन्होंने अपने
चमत्कारों से कई लोगों की सहायता की।
मंदिर में हजारों की संख्या में काले और कुछ सफेद चूहे
निवास करते हैं, जिन्हें
श्रद्धालु ‘काबा’ कहते हैं और उन्हें पवित्र माना जाता है। इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहां करीब 20,000 काले चूहे रहते
हैं। माना जाता है कि ये चूहे करणी माता के भक्तों का पुनर्जन्म हैं। यदि कोई
श्रद्धालु सफेद चूहे के दर्शन कर ले तो उसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह मंदिर केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि पर्यटन और लोक
परंपराओं के संरक्षण के रूप में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर साल लाखों श्रद्धालु
यहां दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की
वास्तुकला भी बेहद आकर्षक है। इसका संगमरमर का मुखौटा और चांदी के दरवाजे महाराजा
गंगा सिंह द्वारा बनवाए गए थे। मंदिर के गर्भगृह में देवी करणी माता की प्रतिमा
स्थापित है, जहां भक्त दर्शन के लिए आते हैं.
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