दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सियासी जंग और भी तीव्र होती दिख रही है। इसी कड़ी में भाजपा नेता और दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को एक बड़ा बयान देते हुए AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के झुग्गीवासियों को डरा और भड़का रहे हैं, जबकि भाजपा सरकार ने उन्हें पक्के घर देने का आश्वासन दिया है।
सचदेवा ने अपनी बात को और पुख्ता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि दिल्ली में सभी जनकल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी और गरीबों को पक्के घर दिए जाएंगे। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "गृह मंत्री ने कल ही स्पष्ट किया था कि झुग्गीवासियों को घर मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान सिर्फ 'डबल इंजन' सरकार ही कर सकती है।"
"यह मोदी की गारंटी है, हर गरीब को मिलेगा पक्का घर"
सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर सीधे निशाना साधते हुए कहा, "केजरीवाल चुनावी वादों में माहिर हैं, वे लोगों को केवल गुमराह करते हैं। वह झुग्गीवासियों को भड़काते हैं, उन्हें डराते हैं कि उनकी झुग्गी टूट जाएगी। लेकिन मोदी की गारंटी है कि हर गरीब को पक्का घर मिलेगा।"
इस दौरान भाजपा नेता ने AAP सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली की हालत बदतर हो गई है। भ्रष्टाचार, कल्याणकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में असफलता और बढ़ते प्रदूषण के कारण AAP सरकार की जमकर आलोचना की गई।
AAP पर भाजपा का करारा हमला: "दिल्ली के लिए आपदा बनी है AAP सरकार"
भाजपा ने अपने हमले को और तेज करते हुए AAP सरकार की तुलना आपदा से की और कहा कि दिल्ली की आप सरकार अब राजधानी के लिए एक आपदा बन चुकी है। वहीं, दूसरी ओर, AAP ने भी भाजपा पर पलटवार किया। आप नेताओं ने भाजपा को "गली गलोच पार्टी" करार देते हुए उस पर बेईमान रणनीति और चुनावी धोखाधड़ी के आरोप लगाए।
5 फरवरी को होगी दिल्ली की अगली सरकार के लिए वोटिंग
इस सियासी घमासान के बीच, दिल्ली में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा, जबकि 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 जनवरी है, और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 20 जनवरी तय की गई है।
कांग्रेस की गिरती साख और AAP का दबदबा
दिल्ली की सियासत में पिछले 10 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। एक वक्त दिल्ली पर 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी पिछले दो विधानसभा चुनावों में अपनी पकड़ खो चुकी है, और पिछले चुनावों में वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। दूसरी ओर, 2020 के चुनावों में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतकर अपनी मजबूत स्थिति साबित की, जबकि भाजपा को सिर्फ 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में ये चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी जनता का विश्वास जीत पाती है और राजधानी का ताज किसके सिर सजता है।