केंद्रीय बजट 2025 से पहले, वित्त मंत्रालय में हलवा समारोह का आयोजन हुआ। यह आयोजन एक अद्भुत परंपरा है, जो हर साल बजट तैयार करने की अंतिम प्रक्रिया की शुरुआत को दर्शाता है। इस परंपरा का महत्व केवल इस समारोह में छुपी गोपनीयता और रहस्य में ही नहीं, बल्कि बजट तैयार करने वाले अधिकारियों की कठिन मेहनत और समर्पण में भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं, यह हलवा समारोह सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि एक गहरी कहानी है, जो केंद्रीय बजट के छपने की ओर इशारा करता है?
जब भी हम बजट के बारे में सोचते हैं, तो हमारे मन में एक सवाल आता है – आखिर ऐसा क्या होता है जो बजट को लेकर इतनी गोपनीयता रखी जाती है? हर साल, बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री नॉर्थ ब्लॉक में एक अनोखा और रहस्यमय हलवा समारोह आयोजित करती हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बजट के अंतिम चरण की शुरुआत करना होता है। जब तक यह हलवा समारोह नहीं होता, बजट की छपाई शुरू नहीं हो सकती। इसके बाद, जब हलवा तैयार होता है, तो यह संकेत मिलता है कि बजट के अंतिम दस्तावेज़ तैयार हैं और प्रिंटिंग प्रेस में भेजे जाने के लिए तैयार हैं।
हलवा समारोह: एक परंपरा, जिसमें मिठास और रहस्य दोनों हैं!
इस हलवा समारोह की शुरुआत को लेकर कई कहानियाँ प्रचलित हैं, लेकिन इसे एक परंपरा के रूप में मान्यता मिल चुकी है। वित्त मंत्री खुद कड़ाही में हलवा बनवाकर, बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को इसका स्वाद चखाती हैं। यह वह क्षण होता है जब बजट के निर्माण में लगे हर अधिकारी के चेहरे पर एक हल्की सी राहत और संतोष की लहर दौड़ जाती है। वे जानते हैं कि अब छपाई का काम शुरू होने वाला है और उनका काम पूरा होने वाला है।

गोपनीयता की चुप्प और सुरक्षा का कड़ा पहरा
जब बजट का काम चल रहा होता है, तो वित्त मंत्रालय के अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बंधे होते हैं। यहां तक कि उन्हें अपने परिवारों से भी संपर्क करने की अनुमति नहीं होती। उनके मोबाइल फोन और बाहरी दुनिया से सभी संपर्क पूरी तरह से कटे होते हैं। यह सुरक्षा की प्रक्रिया इतनी कड़ी होती है कि इन अधिकारियों पर इंटेलिजेंस ब्यूरो की निगरानी भी रहती है। इस गोपनीयता के पीछे एक कारण है – बजट से जुड़े कोई भी लीक, सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते हैं।
क्यों है बजट की छपाई के लिए नॉर्थ ब्लॉक?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बजट की छपाई पहले राष्ट्रपति भवन में होती थी, लेकिन 1950 में जब बजट लीक हुआ, तब इसे नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में शिफ्ट कर दिया गया। तब से, यह प्रिंटिंग प्रेस स्थायी रूप से यहीं स्थित है और यहीं से बजट के दस्तावेज़ों की छपाई होती है।
क्या है हलवा समारोह का असल मायना?
हलवा समारोह सिर्फ एक आयोजन नहीं है, यह एक प्रतीक है – वित्त मंत्रालय के कठिन काम, समर्पण, और मेहनत का। यह संकेत है कि अब बजट तैयार हो चुका है और छपाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके जरिए हम यह समझ सकते हैं कि सरकारी नीतियां और आंकड़े सार्वजनिक होने से पहले कितनी मेहनत और गोपनीयता से गुजरते हैं।
बजट से पहले हलवा, अब एक नई उम्मीद और चुनौती की शुरुआत
अब, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आगामी वित्तीय वर्ष का केंद्रीय बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके पहले, हलवा समारोह ने हमें फिर से यह याद दिलाया है कि बजट की तैयारी सिर्फ एक वित्तीय दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह एक रहस्य, समर्पण और मेहनत की दास्तान है, जो अंततः हमारे सामने आकार लेती है।
आप भी तैयार हैं, बजट के इस रहस्य को जानने के लिए?
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