भारत और पाकिस्तान के आपसी मतभेद के बारे में सभी जानते है, आजादी के बाद बडी
संख्या में हिन्दू पाकिस्तान में ही रह
गये थे, जिन्हे भारत वापस लाने के लिए कई समय से प्रयास किया जा रहा था । 2013 में
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर से कुछ पाकिस्तानी हिन्दू भारत आये थे,
और भारत की नागरिकता प्राप्त किये बिना ही काफी समय से यहां रह रहे थे । 11 मार्च
2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया गया था, जिसके बाद कई संख्या में
पाकिस्तानी हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्राप्त हो गई है ।
भारत में किन-किन स्थानों
पर है पाकिस्तानी हिन्दुओं का आवास
भारत में मुख्य 5 स्थानों पर पाकिस्तानी हिन्दुओं का आवास है, जिनमें दिल्ली,
पंजाब, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा शामिल है । 1950 से 2020 तक भारत में
पाकिस्तानी हिन्दुओं की संख्या 3.5 लाख थी, और हर साल ये संख्या 5000 करीब बढ जाती
है । रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एक ऐतिहासिक स्थान मजनू का टीला के पास
पाकिस्तानी हिन्दुओं का निवास है, 2011 के बाद से ये शरणार्थी वही ठहरे हैं ।
पहली बार मिलेगा मतदान का
अधिकार
वैसे तो काफी समय से पाकिस्तानी हिन्दू भारत में रह रहे हैं लेकिन इतने समय
में उन्हे किसी भी तरह के अधिकार नही दिये गये, ना ही किसी भी तरह के सरकारी कामों
में वो भाग ले सकते थे लेकिन अब जब उन्हे भारत की नागरिकता मिल चुकी है तो साल
2025 के चुनावो में पहली बार उन्हे मतदान करने का मौका भी मिल रहा है । कई लोगों
के वोटर आईडी कार्ड भी बनकर तैयार हो गये है और कुछ लोगों के कार्ड प्रक्रिया में है
। अब देखना ये है कि यह लोग
किस पार्टी को सपोर्ट करते है ।
आखिर
क्यू कर रहे पाकिस्तानी हिन्दू मोदी का बोलबाला
और केजरीवाल पर वार
पाकिस्तान से आये सभी हिन्दू प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी की तारीफे कर रहे हैं,
उनका कहना है कि “जो हमें पाकिस्तान
से वापस हमारे वतन लाये है, हम उनके शुक्रगुज़ार है और हम उन्ही के साथ है” । वहीं दूसरी तरफ वो लोग यह भी कह रहे है की पिछले 10
सालों के कार्यकाल में अरविंद केजरीवाल ने हमें किसी भी तरह की कोई सुविधायें नहीं
दी है ।