कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में भाजपा और आरएसएस के खिलाफ अपनी कड़ी टिप्पणी दी, जिससे राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उनका संघर्ष सिर्फ भाजपा और आरएसएस के खिलाफ नहीं, बल्कि समग्र व्यवस्था के खिलाफ है, जिसने भारत की कई महत्वपूर्ण संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। उनका यह बयान भाजपा नेताओं के लिए जैसे एक चुनौती बन गया, और उन्होंने तुरंत ही पलटवार करना शुरू कर दिया।
हरदीप पुरी ने दिया मानसिक स्थिरता पर सलाह
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल को अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपनी मानसिक स्थिरता की जांच करानी चाहिए। पुरी ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों को देखकर यह स्पष्ट होता है कि उन्हें खुद की मानसिक स्थिति पर विचार करना चाहिए। यह बयान खासतौर पर राहुल द्वारा भाजपा और आरएसएस के खिलाफ दिए गए उस बयान के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने अपनी लड़ाई को केवल इन दोनों संगठनों तक सीमित न रखकर पूरी व्यवस्था के खिलाफ बताया था।
गौरव भाटिया ने राहुल को 'अपरिपक्व' बताया
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर तंज कसते हुए उन्हें 'अपरिपक्व' नेता बताया। उन्होंने कहा, "यह दुख की बात है कि हमारे पास एक अपरिपक्व नेता प्रतिपक्ष है, जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बोलता है।" भाटिया ने यह भी कहा कि राहुल गांधी उन ताकतों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं, जो भारत की संप्रभुता के खिलाफ काम करती हैं, जैसे कि जॉर्ज सोरोस। भाटिया ने यह आरोप भी लगाया कि राहुल के शब्द और कार्य देश की संप्रभुता को खतरे में डालते हैं और यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने इस तरह के बयान दिए हैं।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोला
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल गांधी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास उन ताकतों के साथ जुड़ा हुआ है जो कमजोर भारत चाहती हैं। नड्डा ने कहा, "कांग्रेस का उन ताकतों से गठजोड़ रहा है जो भारत को कमजोर देखना चाहती हैं। यह सत्ता की लालच का परिणाम है, जो देश की अखंडता से समझौता कर रहा है।" नड्डा ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग राहुल गांधी और उनकी विचारधारा को हमेशा नकारते रहेंगे।
निर्मला सीतारमण ने भी राहुल पर तंज कसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल गांधी पर हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में आश्चर्य जताया कि एक व्यक्ति जो भारतीय संविधान की शपथ ले चुका है, वह अब कह रहा है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। उन्होंने राहुल की इस टिप्पणी पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि ऐसा बयान देना संविधान की भावना के खिलाफ है।
राहुल गांधी का बयान: भाजपा और आरएसएस से नहीं, पूरी व्यवस्था से लड़ाई
राहुल गांधी ने अपने बयान में यह कहा था कि उनका संघर्ष केवल भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि पूरी राजनीतिक व्यवस्था से है, जो उनकी नजर में अब देश की अधिकांश संस्थाओं पर कब्जा कर चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि अब वे सिर्फ पार्टी विशेष से नहीं, बल्कि समग्र व्यवस्था से लड़ रहे हैं। राहुल का यह बयान पार्टी के नए मुख्यालय 'इंदिरा भवन' के उद्घाटन के दौरान आया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के इतिहास और उसकी जड़ों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह भवन कांग्रेस पार्टी के समृद्ध इतिहास और भारत की आत्मा का प्रतीक है।
राहुल का चुनाव आयोग पर हमला
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में कुछ गड़बड़ी की आशंका जताई और चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच अचानक लगभग एक करोड़ नए मतदाता सामने आए, जिससे उन्हें परेशानी हुई। राहुल ने चुनाव आयोग से यह सवाल किया कि क्यों वह मतदाता सूची को पारदर्शी नहीं बना रहा है, और क्यों यह जानकारी जनता को नहीं दी जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की और आरोप लगाया कि यह निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है।
कांग्रेस की गौरव गाथा: इंदिरा भवन में राहुल का संबोधन
इंदिरा भवन के उद्घाटन के मौके पर राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि इस भवन में आप देखेंगे कि कांग्रेस पार्टी ने भारत की आत्मा को कितनी गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं का नाम लिया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और संविधान की नींव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों ने भारत की सफलता की नींव रखी है और इंदिरा भवन उसी समृद्ध इतिहास का प्रतीक है।