उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रमिक कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र और विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना के माध्यम से न केवल श्रमिकों को मूलभूत सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और सुरक्षा के साथ जीने का अवसर भी मिलेगा। ये योजनाएं असंगठित और प्रवासी श्रमिकों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रही हैं — जो अब फुटपाथ पर नहीं, बल्कि गरिमा के साथ जीवन बिताएँगे।
जब शहर की चकाचौंध में मज़दूरों की परछाइयाँ गुम हो जाती हैं, तब किसी सरकार का यह कहना – "श्रमिक हमारे समाज के असली निर्माता हैं" – केवल नारा नहीं, बल्कि एक क्रांति की शुरुआत बन जाता है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब वही क्रांति लेकर आई है – एक ऐसा बदलाव, जो शहरों के फुटपाथ पर रात बिताने वाले श्रमिकों को सम्मान और स्थायित्व देगा।
🛠️ श्रमिक सुविधा केंद्र: अब हर श्रमिक के पास होगा अपना ‘सपनों का कोना’
उत्तर प्रदेश में पहली बार, 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बनने जा रहे हैं डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र – एक ऐसा स्थान जहाँ एक मज़दूर को मिलेंगी वह सारी मूलभूत सुविधाएँ, जो अक्सर उसे नसीब नहीं होतीं।
💧 स्वच्छ पेयजल,
🚽 शौचालय,
📝 पंजीकरण व सरकारी योजनाओं की जानकारी,
🧾 वन-स्टॉप समाधान केंद्र — ये सब अब दूर की बात नहीं।
योगी सरकार ने यह ठान लिया है कि अब कोई भी श्रमिक सरकारी लाभ से वंचित नहीं रहेगा। श्रम विभाग ने खुद मुख्यमंत्री के समक्ष इन केंद्रों का पूरा खाका पेश किया है — और मंजूरी मिलते ही, यह सपना हकीकत बनने की ओर बढ़ चुका है।
🏠 विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना: जहां रात होगी सुरक्षित और सवेरा नई उम्मीदों से भरा
कल्पना कीजिए — एक मज़दूर, जो शहर बदलता है, नौकरी खोजता है और रात में फुटपाथ पर सोने को मजबूर होता है।
अब उसे मिलेगा विश्वकर्मा श्रमिक सराय —
🛏️ ट्रांजिट हॉस्टल,
🚿 स्नानागृह,
🧳 क्लॉक रूम,
🧼 साफ-सुथरा अस्थायी आश्रय —
जहां वह चैन से सो सकेगा, और अगली सुबह नई ऊर्जा के साथ काम की तलाश में निकल सकेगा।
🔧 ये सिर्फ योजनाएं नहीं, श्रमिकों के लिए नया सम्मान पत्र हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश है:
"जो लोग राज्य का निर्माण करते हैं, उन्हें सबसे पहले सुरक्षा, सुविधा और सम्मान मिलना चाहिए।"
इस सोच के साथ सरकार अब हर बड़े औद्योगिक क्षेत्र और नगर निकाय तक इन योजनाओं को पहुँचाने की दिशा में काम कर रही है।
🌱 नतीजा? उत्तर प्रदेश बनेगा श्रमिक कल्याण का राष्ट्रीय मॉडल
यह सिर्फ बुनियादी ढांचे की बात नहीं।
यह बात है सशक्तिकरण की,
यह बात है इंसानियत की,
और यह बात है भविष्य के उस उत्तर प्रदेश की,
जहां श्रमिक सिर्फ श्रम नहीं देगा — बल्कि गर्व से कहेगा: "यह मेरा राज्य है, और यह मुझे सम्मान देता है।
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