बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़े सियासी उलटफेर ने हलचल मचा दी है। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को तगड़ा झटका देते हुए आरजेडी के दो मौजूदा विधायक अलग-अलग दलों में शामिल हो गए हैं। एक ने थामा जदयू का ‘तीर’, तो दूसरे ने थाम लिया भाजपा का ‘कमल’। दोनों को उनके नए दलों ने तत्काल टिकट भी सौंप दिया है।
सारण जिले की दो अहम सीटों — परसा और बनियापुर — से आरजेडी के विधायकों के दल-बदल ने बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। परसा के विधायक छोटेलाल राय ने जदयू का दामन थाम लिया, जबकि बनियापुर के विधायक केदारनाथ सिंह भाजपा में शामिल हो गए। दिलचस्प बात यह है कि दोनों नेताओं को उनकी नई पार्टियों ने न केवल खुले दिल से अपनाया बल्कि तुरंत टिकट भी दे दिया।
छोटेलाल राय की राजनीतिक यात्रा कई दलों से होकर गुज़री है — जदयू से शुरुआत, फिर लोजपा, उसके बाद राजद और अब फिर वापसी जदयू में। इस बार उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती करिश्मा राय से है।

वहीं चार बार के विधायक केदारनाथ सिंह की यात्रा भी कम दिलचस्प नहीं। पहले जदयू, फिर राजद, और अब भाजपा। वे अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके सामने राजद प्रत्याशी चांदनी देवी होंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह दलबदल केवल व्यक्तिगत फायदे का खेल नहीं, बल्कि बिहार की सियासी बिसात पर बदलते समीकरणों का संकेत है। सारण के मतदाता अब उत्सुक हैं — कौन जीतेगा यह राजनीतिक शतरंज?
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