नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। निचली अदालत के फैसले को ED ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए दोनों नेताओं से जवाब मांगा है। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका पर हुई है, जिसमें निचली अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
जस्टिस रविंद्र डुडेजा ने ED की 16 दिसंबर 2025 के ट्रायल कोर्ट आदेश पर स्थगन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 मार्च 2026 तय की है।
ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी, जबकि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और आर.एस. चीमा ने पक्ष रखा। गौरतलब है कि 16 दिसंबर को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को बड़ी राहत देते हुए ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि अब तक CBI द्वारा कोई प्रेडिकेट अपराध दर्ज नहीं किया गया है, इसके बावजूद ED ने PMLA के तहत जांच आगे बढ़ाई।

ED का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा किया। यह अधिग्रहण प्राइवेट कंपनी ‘यंग इंडियन’ के माध्यम से सिर्फ 50 लाख रुपये में किया गया, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है। ED के मुताबिक इस मामले में अपराध से अर्जित आय 988 करोड़ रुपये है और संपत्तियों का बाजार मूल्य लगभग 5,000 करोड़ रुपये बताया गया है।
नेशनल हेराल्ड केस की जड़ें 1938 में स्थापित अखबार नेशनल हेराल्ड से जुड़ी हैं, जिसकी स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर की थी। 2008 में अखबार बंद होने के बाद इसके अधिग्रहण को लेकर विवाद और घोटाले के आरोप सामने आए।
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