नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केंद्र के नोटिफिकेशन के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है. वहीं सरकार का साफ कहना है कि कोई कुछ भी कर ले ये कानून वापस नहीं होने वाला है.
मुस्लिम भी कर सकेंगे आवेदन
वहीं, आज एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (AmitShah on CAA) ने सीएए में मुसलमानों को शामिल न करने की वजह भी बताई. हालाँकि, उन्होंने कहा कि अगर वे अभी भी भारतीय नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
CAA में शामिल न करने का बताया कारण
शाह ने कहा कि सीएए में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक राज्य हैं। फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं?
ममता पर साधा निशाना
सीएए को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर शाह ने पलटवार किया है. दरअसल, ममता ने कहा था कि वह अपने राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगी. इस पर शाह ने कहा कि विपक्ष भी जानता है कि इंडी गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाला है. सीएए कानून प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लेकर आई है, इसे रद्द करना असंभव है।
शाह ने कहा कि नागरिकता केंद्रीय मुद्दा है और कोई भी राज्य सरकार सीएए को रद्द नहीं कर सकती. इसलिए ये सभी विपक्षी लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को खुली चुनौती देता हूं कि अगर इस कानून में एक भी धारा किसी की नागरिकता छीनने वाली है तो वह बताएं. उन्होंने कहा कि ममता सिर्फ डर पैदा कर रही हैं और हिंदू-मुसलमानों के बीच झगड़ा पैदा करना चाहती हैं.
आदिवासी क्षेत्रों के अधिकार कमजोर नहीं किये जायेंगे
गृह मंत्री ने आगे कहा कि सीएए आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हमने एक्ट में ही प्रावधान किया है कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र छठी अनुसूची के क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां सीएए लागू नहीं होगा.