उत्तर रेलवे ने 3 अक्टूबर 2025 को मारुति सुजुकी की पहली ऑटो ट्रेन कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड में पहुँचाई। यह ऐतिहासिक कदम घाटी से रेल संपर्क को मजबूत करेगा, लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाएगा और सड़क यातायात पर निर्भरता कम करेगा।
उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल द्वारा आज मानेसर स्थित गति शक्ति टर्मिनल (जीसीटी) से भेजा गया पहला मारुति सुजुकी ऑटोमोबाइल रेक कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड में सफलतापूर्वक पहुँच गया। इस रेक में ब्रेज़ा, डिज़ायर, वैगन आर और एस-प्रेसो जैसी 116 से अधिक गाड़ियाँ शामिल थीं, जो 1 अक्टूबर को मानेसर से रवाना हुई थीं।
यह ट्रेन 850 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊँचे रेलवे आर्च ब्रिज से गुज़री। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना ने घाटी को रेल संपर्क से जोड़ा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क मजबूत हुआ, लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ी और सड़क यातायात की भीड़भाड़ कम हुई।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के खुलने के बाद 30 सितंबर 2025 तक कश्मीर घाटी से परिवहन की गई माल वस्तुओं में शामिल हैं:
- सेब: 12,400.9 टन
- सीमेंट: 48,387 टन
- प्लास्टिक सामान: 1,341 टन
- इस्पात: 716.1 टन
वास्तव में, यह ऑटोमोबाइल रेक कश्मीर घाटी को विश्वसनीय रेलवे संपर्क से जोड़ने की भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी पहल का हिस्सा है। इससे न केवल औद्योगिक और वाणिज्यिक लॉजिस्टिक के नए मार्ग खुलेंगे, बल्कि सड़क परिवहन पर निर्भरता घटेगी और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता में सुधार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार और क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
COMMENTS