उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां खाद्य सुरक्षा विभाग ने नवीन मंडी स्थल से रंगीन आलू की एक बड़ी खेप जप्त की है।
बलिया में खाद्य सुरक्षा विभाग ने रंगीन आलू की 21 कुंतल खेप जप्त की, 56 हजार रुपये मूल्य की जब्ती
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां खाद्य सुरक्षा विभाग ने नवीन मंडी स्थल से रंगीन आलू की एक बड़ी खेप जप्त की है। दरअसल, विभाग को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि मंडी में व्यापारियों द्वारा आलू को कृत्रिम रंगों से रंगा जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा था। इस शिकायत के आधार पर विभाग ने छापा मारा और 21 कुंतल आलू जब्त किया, जिसकी बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 56 हजार रुपये बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, आलू को रंगने का यह अवैध कार्य काफी समय से हो रहा था, और इसे विभाग की नजरों के नीचे ही अंजाम दिया जा रहा था। रंगीन आलू की बिक्री से व्यापारी कम गुणवत्ता वाले आलू को ऊंची कीमत पर बेचने का प्रयास कर रहे थे, जो उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी के समान है। इस तरह के रासायनिक रंगों का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों पर करना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, और इससे गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
हालांकि, खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी कर इस गैरकानूनी धंधे का पर्दाफाश किया है, लेकिन इस मामले ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई लोगों का मानना है कि यदि विभाग पहले ही सक्रिय हो जाता तो इस तरह के गंभीर मामलों को रोका जा सकता था। विभाग की धीमी प्रतिक्रिया के कारण व्यापारियों को इस अवैध गतिविधि को बढ़ावा देने का अवसर मिला है। वहीं, विभाग ने अपनी पीठ थपथपाते हुए दावा किया है कि उन्होंने त्वरित कार्रवाई की और मामले पर सख्त नजर रखी हुई है। लेकिन स्थानीय लोगों और उपभोक्ताओं का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभाग को और अधिक सतर्कता दिखानी होगी। अब देखना यह होगा कि इस मामले में और क्या कदम उठाए जाते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। यह घटना न केवल व्यापारियों के मुनाफाखोरी की सोच को दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता की ओर भी इशारा करती है।