अयोध्या, 5 जून 2025 — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या में एक ऐतिहासिक संबोधन में 'नई अयोध्या' को भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह नगरी आज न केवल भारत के सनातन मूल्यों का प्रतिनिधित्व कर रही है, बल्कि विश्व को ‘अतिथि देवो भवः’ का संदेश भी दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि "आज की अयोध्या, त्रेतायुग की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि ही नहीं, बल्कि वैश्विक श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र बन चुकी है। यहां आने वाला हर अतिथि देवतुल्य माना जाता है। यही भारत की परंपरा है — 'अतिथि देवो भव:' — और अयोध्या आज इसी भावना का भव्य प्रतीक बन चुकी है।"
तीर्थ, पर्यटन और तकनीक का त्रिवेणी संगम
मुख्यमंत्री योगी ने अपने उद्बोधन में बताया कि अयोध्या को न केवल एक भव्य आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है, बल्कि आधुनिक शहरी नियोजन, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, और डिजिटल सुविधाओं से भी सज्जित किया गया है। उन्होंने कहा,
"नई अयोध्या एक ऐसी नगरी है जहाँ श्रद्धा और स्मार्टनेस दोनों साथ चलते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी।"

उन्होंने बताया कि अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, रिवर क्रूज़, श्रीराम पथ, और मंदिरों को जोड़ने वाले स्मार्ट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। राम जन्मभूमि परिसर से लेकर सरयू घाट तक शहर को एक आदर्श धार्मिक-पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया गया है।
रामराज्य की भावना और जनकल्याणकारी योजनाएं
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार "रामराज्य" की अवधारणा को धरातल पर उतारने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा,
"रामराज्य का अर्थ केवल धार्मिक सत्ता नहीं, बल्कि एक ऐसी शासन व्यवस्था है जहाँ कोई भूखा न सोए, जहाँ सभी को न्याय मिले, जहाँ हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी मिले।"
उन्होंने बताया कि अयोध्या में गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हज़ारों आवास बनाए गए हैं। साथ ही शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, हेल्पलाइन और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की गई है।
अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद विदेशों से श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
"चाहे अमेरिका हो, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका या मारीशस — हर जगह से लोग अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या अब केवल भारत का धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि विश्व हिंदू संस्कृति का केंद्र बन चुका है," उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अब सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की योजना है ताकि दुनिया के कोने-कोने से लोग भगवान राम के दर्शन हेतु आसानी से आ सकें।
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर विशेष बल
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को भी विशेष प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने बताया कि अयोध्या में हरित क्षेत्र, जैव विविधता पार्क, और सौर ऊर्जा से चलने वाले मंदिर परिसर विकसित किए जा रहे हैं।
"राम की यह भूमि स्वच्छ, पवित्र और हरित हो — यही हमारी प्राथमिकता है। यही सच्चे अर्थों में रामराज्य की दिशा है," उन्होंने कहा।
विश्व को भारत की सनातन चेतना का संदेश
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या एक विचार है, एक दर्शन है। उन्होंने कहा कि यह नगरी पूरे विश्व को भारत की सनातन संस्कृति, आदर्श जीवनशैली और पारिवारिक मूल्यों का संदेश दे रही है।
"हमारी संस्कृति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन, मर्यादा और सेवा का मार्गदर्शन करती है। अयोध्या इसका जिवंत उदाहरण बन चुकी है," उन्होंने कहा।
नारी सम्मान और युवाओं को रोजगार का वादा
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या में महिलाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप से जोड़ने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही युवाओं के लिए पर्यटन, आतिथ्य और धार्मिक सेवाओं में रोजगार के नये अवसर खुल रहे हैं।
"हम चाहते हैं कि अयोध्या के हर नौजवान को अपने ही शहर में रोजगार मिले और हर बेटी को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर," मुख्यमंत्री ने कहा।

उद्यमिता, शांति और वैश्विक संस्कृति का केंद्र
मुख्यमंत्री ने अयोध्या को उद्यमियों के लिए भी अनुकूल बताया। उन्होंने बताया कि धार्मिक पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट्स, आयुर्वेद, और योग आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक जोन बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि "अयोध्या अब केवल धर्म का केंद्र नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक संवाद का मंच बन रही है।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज का संबोधन यह स्पष्ट करता है कि अयोध्या अब केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना, सांस्कृतिक गरिमा और विकासशील दृष्टिकोण का संयुक्त प्रतीक बन चुकी है। यह नगरी अपने भव्य राम मंदिर के साथ-साथ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित विकास और विश्व को भारतीय मूल्यों से जोड़ने की दिशा में अग्रसर है।
अयोध्या आज सचमुच ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना को साकार कर रही है — एक ऐसा स्थान जो श्रद्धा, सेवा और समृद्धि का संगम है।
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