मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एफएसडीए ने प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई चेन का भंडाफोड़ किया है। 52 जिलों में जांच, 161 फर्मों पर एफआईआर और 85 गिरफ्तारी के साथ नशे के कारोबार पर निर्णायक वार हुआ है।
योगी सरकार ने अवैध नशे के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक का सबसे बड़ा क्रैकडाउन करते हुए कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध पैरेलल सप्लाई चेन को ध्वस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने पिछले तीन माह में प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाया, जिसने नशे के सौदागरों की जड़ें हिला दीं।
इस अभियान के तहत 52 जनपदों में 332 से अधिक थोक औषधि प्रतिष्ठानों की जांच की गई। जांच में 36 जिलों की 161 फर्मों के खिलाफ बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस और एसटीएफ ने अब तक 79 अभियोग दर्ज कर 85 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। करीब 700 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध आपूर्ति जांच के दायरे में है।
एफएसडीए ने इस कार्रवाई से पहले झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और रांची सहित कई राज्यों में गोपनीय जांच की।
इसमें सामने आया कि सुपर स्टॉकिस्ट और होलसेलर के जरिए कोडीन सिरप और एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं की समानांतर अवैध सप्लाई चेन बनाई गई थी। मेडिकल उपयोग के नाम पर की गई आपूर्ति का कोई ठोस सत्यापन नहीं मिला।
जांच में यह भी सामने आया कि वर्ष 2024-25 में कफ सिरप की आपूर्ति वास्तविक चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक रही। फेन्सिडिल की 2.23 करोड़, एस्कॉफ की 73 लाख और अन्य कंपनियों की लगभग 25 लाख बोतलों का उपयोग संदिग्ध पाया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई को सही ठहराते हुए 22 मामलों में आरोपियों की रिट याचिकाएं खारिज कर दी हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति जब्ती की भी तैयारी की जा रही है।
यह कार्रवाई नशे के खिलाफ योगी सरकार की अब तक की सबसे निर्णायक और सख्त कार्रवाई मानी जा रही है।
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