लखनऊ में वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहिबजादों और गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को नमन किया। कीर्तन समागम में गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप सिर पर रखकर ले जाते हुए ऐतिहासिक दृश्य उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए भावुक क्षण बन गया।
वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) एवं साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भव्य कीर्तन समागम समारोह का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक और भावपूर्ण आयोजन में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सहभागिता कर सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया।
कीर्तन समागम के दौरान पूरा वातावरण गुरुवाणी, शबद-कीर्तन और श्रद्धा से ओतप्रोत रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने साहिबजादों के रूप में सजे बच्चों का अभिनंदन स्वीकार किया और उनके त्याग, साहस व धर्मनिष्ठा को देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि साहिबजादों का बलिदान भारत की आत्मा और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप को अपने सिर पर रखकर श्रद्धापूर्वक ले जाते हुए सिख परंपराओं के प्रति गहरी आस्था और सम्मान का परिचय दिया। यह दृश्य उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावुक और ऐतिहासिक क्षण बन गया।
मुख्यमंत्री ने साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म, मानवता और स्वतंत्र विचारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च त्याग किया।
वीर बाल दिवस केवल स्मरण का नहीं, बल्कि साहस, सेवा और समर्पण के मूल्यों को आत्मसात करने का दिन है।
इस भव्य कीर्तन समागम ने सामाजिक समरसता, धार्मिक एकता और सांस्कृतिक सम्मान का सशक्त संदेश दिया।
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