लखनऊ के केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक के खिलाफ यौन शोषण, धर्मांतरण और धमकियों की एफआईआर दर्ज। पीड़िता ने आत्महत्या के प्रयास के बाद शिकायत की। विश्वविद्यालय ने आरोपी को निलंबित किया।
केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक के खिलाफ यौन शोषण, धर्म परिवर्तन और धमकी देने सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि रमीज ने शादी का झांसा देकर उसे फंसाया और पिछले छह महीनों से यौन शोषण करता रहा।
पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया। अगस्त में आरोपी उनके किराये के कमरे में आया और शादी का हवाला देते हुए शारीरिक संबंध बनाए। सितंबर में पीड़िता ने गर्भधारण की सूचना दी तो आरोपी ने दवा खिलाकर गर्भपात करवा दिया। इस दौरान पीड़िता ने ठाकुरगंज इलाके में आरोपी की पहले शादी और धर्मांतरण का खुलासा भी किया।
अक्टूबर में शादी की बात करने पर आरोपी ने धर्म परिवर्तन का दबाव बढ़ाया और निजी फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी दी। मानसिक दबाव और धमकियों से परेशान पीड़िता ने 17 दिसंबर को आत्महत्या का प्रयास किया और बाद में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हुई।
केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जांच विशाखा समिति को सौंपी। समिति ने आरोपी को दोषी पाया और निलंबित कर छात्रावास, क्लास और लैब सहित परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पीड़िता से फोन पर बात कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
धर्मांतरण के प्रयास के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और कुलपति को छह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही मामले में सजा तय करेगा।
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