लखनऊ के जवाहर भवन-इंदिरा भवन परिसर में आयोजित ‘दिव्य दीपावली मेला 2025’ दिव्यांगजन की प्रतिभा और आत्मनिर्भरता का अद्भुत उदाहरण बना। दो दिवसीय इस आयोजन में पूरे प्रदेश के 35 संस्थानों के दिव्यांगजन व प्रशिक्षकों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों से समाज को समावेशी विकास का संदेश दिया।
प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण नरेन्द्र कश्यप के निर्देशानुसार, राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन, उत्तर प्रदेश के कार्यालय द्वारा ‘दिव्य दीपावली मेला 2025’ का आयोजन 16 से 17 अक्टूबर 2025 तक जवाहर भवन–इंदिरा भवन परिसर, अशोक मार्ग, लखनऊ में किया जा रहा है।
इस मेले का शुभारंभ प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, श्री सुभाष चन्द्र शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘दिव्य दीपावली मेला’ दिव्यांगजन के कौशल, सृजनशीलता और आत्मनिर्भरता का मंच है। सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक और सशक्त रूप से स्थापित हों। ऐसे आयोजन उनके उत्पादों को विपणन मंच देने के साथ-साथ आत्मविश्वास और सामाजिक स्वीकृति को भी बढ़ावा देते हैं।

मेले में प्रदेशभर के 35 संस्थानों और विद्यालयों के दिव्यांगजन एवं उनके प्रशिक्षकों द्वारा निर्मित उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई है। इन उत्पादों में पर्यावरण-अनुकूल दीपक, मोमबत्तियाँ, पूजा सामग्री, हस्तनिर्मित आभूषण, वस्त्र, खाद्य सामग्री, हस्तशिल्प और मिट्टी के उत्पाद प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं।
नागरिकों ने उत्साहपूर्वक खरीदारी करते हुए दिव्यांग कलाकारों के परिश्रम की सराहना की, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला।
राज्य आयुक्त हिमांशु शेखर झा ने कहा कि यह मेला दिव्यांगजन की स्वावलंबन यात्रा को गति देने वाला सशक्त कदम है, जो समाज को समावेशी और संवेदनशील बनाने का संदेश देता है।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अमित कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार त्रिपाठी व रणजीत सिंह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी पवन कुमार द्विवेदी, उपनिदेशक अनुपमा मौर्या व राजेश कुमार मिश्र, उपायुक्त अमित कुमार राय, तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी शशांक सिंह सहित कई प्रतिनिधि और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
COMMENTS