उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शारदीय नवरात्रि के दौरान मिशन शक्ति के तहत बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मिशन शक्ति: शारदीय नवरात्रि में बेटियों ने निभाई डीएम, एसपी और अन्य प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शारदीय नवरात्रि के दौरान मिशन शक्ति के तहत बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेटियों को एक दिन के लिए जिलाधिकारी (डीएम), मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) की जिम्मेदारी दी गई। इस अनूठी पहल के तहत बेटियों ने प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका निभाते हुए शिकायतें सुनीं और त्वरित कार्रवाई भी की। लखीमपुर खीरी में कक्षा आठ की छात्रा अग्रिमा धवन को डीएम की कुर्सी सौंपी गई। उन्होंने सब्जियों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के निर्देश दिए। जौनपुर में इंटरमीडिएट की टॉपर सजल गुप्ता ने डीएम का कार्यभार संभालते हुए 87 मामलों में से 14 का निस्तारण किया। इसी तरह मीरजापुर, महराजगंज, गाजीपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, शामली, झांसी और रामपुर सहित अन्य जिलों में भी मेधावी छात्राओं को प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी दी गई। मिशन शक्ति और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियानों के तहत बेटियों ने न केवल प्रशासनिक अनुभव हासिल किया, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा। बेटियों ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया और भविष्य में प्रशासनिक सेवाओं में भागीदारी का संकल्प लिया। इसके अलावा, लखीमपुर खीरी में 1100 कन्याओं का पूजन किया गया, जबकि गोंडा में "शक्ति सारथी" कार्यक्रम के तहत 1000 पिंक ई-रिक्शा महिलाओं को सौंपी गईं। इन ई-रिक्शाओं का उपयोग 90% से अधिक महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से बेटियों को न केवल सम्मान मिला बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया गया।