मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी प्रवास के दूसरे दिन धार्मिक रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने बाबा काल भैरव, श्री काशी विश्वनाथ और मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। बुधवार शाम उन्होंने देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ भी किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार की सुबह बाबा काल भैरव मंदिर पहुंचे। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर वाराणसी के कोतवाल माने जाने वाले भगवान काल भैरव का दर्शन किया और राज्य की शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की।
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठी। पूजन के बाद मुख्यमंत्री सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने षोडशोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ का पूजन-अर्चन किया और देशवासियों के कल्याण की कामना की। गर्भगृह में विशेष पूजा संपन्न होने के दौरान वातावरण में गंगा आरती और शंखध्वनि की पवित्र गूंज छा गई।

इसके बाद मुख्यमंत्री मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम पहुंचे। वहां उन्होंने शिव मंदिर में पूजा की और महंत संतोष दास जी महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है और यहां का हर घाट भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है।
इस अवसर पर राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और सुशील सिंह भी मौजूद रहे।

बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी नमो घाट पर देव दीपावली महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने क्रूज से गंगा तटों पर जगमगाते दीपों का मनमोहक नज़ारा देखा और कहा — “काशी आज आस्था, संस्कृति और अध्यात्म का जीवंत प्रतीक बन चुकी है।”
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