अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए 'लैकन रिले एक्ट' को मंजूरी दी है, जो अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने का दावा करता है। यह एक्ट न केवल अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के लिए कड़ा कदम है, बल्कि उन देशों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जो अपने नागरिकों को वापस लेने से इंकार करते हैं। इस कानून का असर भारतीयों समेत दुनिया भर के प्रवासियों पर पड़ सकता है।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कई विवादास्पद फैसले लिए, लेकिन अब उनके शासन में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। शपथ लेने के बाद ट्रंप ने 'स्वर्णिम युग' का वादा किया था, और इसी दिशा में उन्होंने 'लैकन रिले एक्ट' को पारित कर दिया है, जो प्रवासियों को लेकर नया विवाद खड़ा कर सकता है।
'लैकन रिले एक्ट' अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के खिलाफ एक कठोर कदम माना जा रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने इस एक्ट को मंजूरी दे दी है, और अब यह कानून बनकर ट्रंप के पास दस्तखत के लिए भेजा जाएगा। यह कानून न केवल अवैध प्रवासियों को निशाना बनाता है, बल्कि उन देशों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात करता है, जो अमेरिका में अपने नागरिकों को वापस बुलाने से मना करते हैं।
क्यों अहम है यह कानून?
यह कानून, जो पिछले तीन दशकों में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित किया गया सबसे महत्वपूर्ण प्रवासी कानून माना जा रहा है, अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने की प्रक्रिया को सख्त करता है। इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को उनके देशों को वापस भेजने के लिए दबाव डाला जाएगा। यदि देश इस कानून को मानने में असफल रहते हैं, तो उनके नागरिकों का वीजा रद्द किया जा सकता है।
लैकन रिले की कहानी और कानून का नाम:
इस कानून का नाम 'लैकन रिले' पर रखा गया है, एक दुखद घटना से प्रेरित है। जॉर्जिया विश्वविद्यालय की छात्रा लैकन रिले की जॉगिंग के दौरान हत्या कर दी गई थी। उस हत्या के बाद उसके हत्यारों को कड़ी सजा मिली, और उनके सम्मान में यह एक्ट नामित किया गया।
क्या यह कानून भारतीयों के लिए चुनौती बन सकता है?
इस कानून का सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय प्रवासियों पर पड़ सकता है, खासकर उन पर जो अस्थाई वीजा, बिना दस्तावेज़ के या वीजा की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। यदि भारत अमेरिकी कानून में सहयोग नहीं करता, तो भारत से जुड़े प्रवासियों के वीजा रद्द हो सकते हैं, जिसमें एच-1बी वीजा भी शामिल है। यह उन भारतीयों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है जो अमेरिकी नागरिकता और वर्क परमिट पाने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन का फोकस:
साल 2024 के एग्जिट पोल में आव्रजन को अमेरिकी नागरिकों ने चौथी सबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में रखा था, और ट्रंप ने इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाया है। यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन के लिए यह मुद्दा कितनी अहमियत रखता है।
अंत में:
अमेरिका में कानून की सख्ती बढ़ रही है और इसका असर दुनिया भर के प्रवासियों पर होगा। 'लैकन रिले एक्ट' का पारित होना अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, और इसके बाद की कार्रवाई पर हर किसी की नजरें होंगी।
COMMENTS