कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा का कड़ा जवाब: 'चीन का कब्जा नेहरू के समय में हुआ, मोदी पर आरोप बेबुनियाद'
राजनीतिक महाकुंभ में एक और तीखी जुबानी जंग शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के मुद्दे पर जबरदस्त बयानबाजी जारी है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'चीन भारत की भूमि पर कब्जा करता रहा और मोदी चुप रहे।' इसके जवाब में भाजपा ने कांग्रेस की इस दलील को कड़ी आलोचना करते हुए इसे 'झूठ' करार दिया।
भा.ज.पा. के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी में इतनी 'बेईमानी' है कि वह चीन के कब्जे की जिम्मेदारी मोदी पर डालने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह कब्जा जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुआ था।
मालवीय ने कहा, "अगर किसी को इस स्थिति का जिम्मेदार ठहराना है तो वह नेहरू का कार्यकाल है, न कि मोदी।" उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन ने 1962 में अक्साई चिन क्षेत्र पर कब्जा किया था और इसे हेकांग काउंटी का नाम दिया था, जो अब चीन के नियंत्रण में है।
कांग्रेस द्वारा मोदी पर आरोप लगाने के बाद मालवीय ने ट्विटर पर दावा किया कि 'हेकांग काउंटी' का महत्व चीन के G219 राजमार्ग से जुड़ा है, जिसे 1957 में चीन ने खोला था। नेहरू सरकार ने 1959 में इस राजमार्ग की घोषणा संसद में की थी, और यह वही समय था जब चीन ने भारत के क्षेत्र पर कब्जा करना शुरू कर दिया था।
भा.ज.पा. नेता ने यह भी याद दिलाया कि 1959 में चीन ने हाजी लंगर, किजिल जिल्गा, चुंग ताश, देहरा कम्पास और शामल लुंगपा जैसे क्षेत्रों पर कब्जा किया था, जिनका भारतीय गश्ती दल से सामना हुआ।
अब भाजपा कांग्रेस से सवाल कर रही है कि अगर चीन का यह कब्जा मोदी के कार्यकाल में हुआ होता तो कांग्रेस इसे कैसे बचा सकती थी? भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को अपने इतिहास को पहचानते हुए अब मोदी पर आरोप लगाने से बचना चाहिए।
यह राजनीतिक संग्राम और गहरा होता जा रहा है, जिसमें सवाल उठते हैं कि क्या यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक झगड़ा है या सच में कोई समाधान निकल पाएगा?