भा.ज.पा. ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है। पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कलिंग मोयॉन्ग ने कहा कि महिलाएं राजनीति में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं और उन्हें सत्ता में आने का एक बड़ा अवसर मिलेगा। यह कदम राज्य में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक नया मोड़ सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने ऐलान किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो महिलाओं को सत्ता की मुख्यधारा में लाने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगा।
भा.ज.पा. के नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष, कलिंग मोयॉन्ग ने इस एलान के साथ राज्य की महिलाओं के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह से सफलता प्राप्त कर रही हैं, उसी तरह वे राजनीति में भी अपना लोहा मना सकती हैं। मोयॉन्ग ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उनसे बातचीत के दौरान महिला उम्मीदवारों को आगामी चुनाव में घरों से बाहर निकालने और उन्हें राजनीति में सक्रिय बनाने की बात कही है।
दिलचस्प बात यह है कि मोयॉन्ग ने यह भी खुलासा किया कि आगामी चुनाव में मौजूदा मंत्रियों और विधायकों के जीवनसाथियों को टिकट नहीं मिलेगा। इस बयान से स्पष्ट है कि भाजपा महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में इस बदलाव की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मोयॉन्ग ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना और समाज के अंतिम व्यक्ति का समग्र कल्याण सुनिश्चित करना है। उनका मानना है कि पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय से यह संभव हो सकेगा।
राज्य पार्टी प्रमुख ने यह भी बताया कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए जल्द ही सभी जिलों का दौरा करेंगे, ताकि पार्टी पदाधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। उनका यह भी कहना था कि वे पूरी निष्ठा और टीम वर्क के साथ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करेंगे।
यह फैसला राज्य में भाजपा के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद लिया गया है, और यह महिलाओं के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है। 2029 के विधानसभा चुनाव में 20 महिला उम्मीदवारों को उतारने की योजना पहले ही सामने आ चुकी है। इसके अलावा, 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा महिला आरक्षण विधेयक पर सहमति देने के बाद से पूरे देश में महिलाओं के लिए आरक्षण को लेकर माहौल गर्मा गया है।
क्या यह कदम अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ा सकेगा? क्या भाजपा की ये रणनीतियां राज्य की राजनीति में नए आयाम जोड़ पाएंगी? ये सवाल अब पूरे राज्य और देशभर में चर्चा का विषय बन गए हैं।
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