महंगाई को लेकर एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। दिसंबर 2024 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति चार महीने के निचले स्तर 5.22 फीसदी पर आ गई है। नवंबर में यह दर 5.48 फीसदी थी, जो अब घटकर 5.22 फीसदी हो गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी बताई जा रही है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खाद्य महंगाई 8.39 फीसदी रही, जबकि नवंबर में यह 9.04 फीसदी और दिसंबर 2023 में 9.53 फीसदी थी। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि खाद्य महंगाई भी अब कम हो रही है, जो पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ रही थी।
एनएसओ के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में कुल मुद्रास्फीति और खाद्य महंगाई दोनों ही पिछले चार महीनों के सबसे निचले स्तर पर दर्ज किए गए। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस साल के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी मुद्रास्फीति दर का अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया था, और खाद्य कीमतों पर दबाव के कारण आगे भी मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बने रहने की आशंका जताई थी।
पिछले कुछ महीनों में, जुलाई-अगस्त में मुद्रास्फीति औसतन 3.6 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 5.5 फीसदी और अक्टूबर 2024 में 6.2 फीसदी तक पहुंच गई थी, लेकिन दिसंबर में एक अच्छी राहत मिली है।
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