गौतमबुद्ध नगर | 15 मई 2025
वार रूम से सीधा वार –
जब बेनकाब हो चलीं तेज़ रफ्तार, वजन से लदी और गैरकानूनी बसें, तब जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने अपने तेवर दिखा दिए। जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा और परिवहन आयुक्त के निर्देशों पर 15 से 17 मई तक चल रहे "ऑपरेशन रोडगार्ड" में गौतमबुद्ध नगर की सड़कों पर एक सख्त और सुनियोजित जांच अभियान की शुरुआत हुई।
मिशन की बागडोर संभालते हुए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडे ने बताया कि यह अभियान केवल चालान भरने की औपचारिकता नहीं, बल्कि "यात्रा को जीवन-सुरक्षा से जोड़ने का जनसंकल्प" है।
पहले दिन के नतीजे चौंकाने वाले रहे—
16 बसें बिना अनुमति के संचालन में लिप्त पाई गईं
9 बसें मोरना डिपो से ओवरलोडिंग के दोष में सीज़
कुल 25 वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा
जांच का दायरा फैला यमुना एक्सप्रेसवे, महामाया फ्लाईओवर, परी चौक, सेक्टर 37 तक
विशेष मिशन का उद्देश्य –
बिना परमिट दौड़ रही बसों को ट्रैक कर रोकना
सीटिंग कैपेसिटी से अधिक यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर कार्रवाई
सड़क पर असुरक्षित, नियमविहीन परिवहन व्यवस्था पर ताले जड़ना
डॉ. पांडे का संदेश सीधा था –
“अनधिकृत और ओवरलोड बसें न सिर्फ़ सुरक्षा की मौत हैं, बल्कि नागरिक सुविधा का अपमान भी। अब हर बस को जवाबदेह होना होगा।”
यात्रियों को सलाह –
केवल UPSRTC या वैध परमिट वाली बसों में करें सफर
सीटिंग सीमा का पालन करें
नशे या थकान में वाहन चलाने वालों की सूचना दें
नियम तोड़ने वाले चालकों के लाइसेंस होंगे निलंबित या निरस्त
जन अपील:
नियमों की गठरी सिर्फ़ कागज नहीं, ये आपकी और हमारे जीवन की सुरक्षा कवच है।
"सुरक्षित यात्री, सशक्त उत्तर प्रदेश"—इस सोच के साथ परिवहन विभाग, बस ऑपरेटर्स और जनमानस को एकजुट कर चुका है।
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