ISRO ने पूरी तरह कॉमर्शियल मिशन में 6,500 किलोग्राम वजनी BlueBird Block-2 उपग्रह को LEO में स्थापित कर रचा इतिहास
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल के अपने आखिरी मिशन के साथ अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। ISRO ने अब तक का सबसे भारी वाणिज्यिक संचार उपग्रह BlueBird Block-2 सफलतापूर्वक पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित कर दिया है। यह उपग्रह अमेरिका की कंपनी AST SpaceMobile का है और इससे भविष्य में मोबाइल नेटवर्क की तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।
यह पूरी तरह कॉमर्शियल लॉन्च मिशन था, जिसे ISRO के सबसे ताकतवर लॉन्च व्हीकल LVM3 के जरिए अंजाम दिया गया। LVM3 की यह छठवीं उड़ान और तीसरी वाणिज्यिक उड़ान थी। अपनी हैवी-लिफ्ट क्षमता के कारण इस रॉकेट को पहले ही ‘बाहुबली’ नाम दिया जा चुका है।
लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 8:55 बजे की गई। ISRO के अनुसार, लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद 6,500 किलोग्राम वजनी यह संचार उपग्रह रॉकेट से अलग होकर करीब 520 किलोमीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया। यह LEO में स्थापित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह है।

यह मिशन न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका की AST SpaceMobile (AST and Science LLC) के बीच हुए कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है, जिससे कमर्शियल स्पेस सेक्टर में ISRO की पकड़ और मजबूत हुई है।
ISRO की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि LVM3 ने भरोसेमंद हैवी-लिफ्ट प्रदर्शन दिखाया है, जिससे गगनयान जैसे भविष्य के मिशनों, कमर्शियल लॉन्च सेवाओं और वैश्विक साझेदारियों को मजबूती मिलेगी।
BlueBird Block-2 एक नेक्स्ट-जेनरेशन सैटेलाइट सिस्टम का हिस्सा है। इसके सफल परीक्षण के बाद 4G और 5G स्मार्टफोन को बिना किसी टावर, एंटीना या अतिरिक्त हार्डवेयर के सीधे सैटेलाइट से कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इससे पहाड़ी इलाकों, महासागरों, रेगिस्तानों और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी निर्बाध मोबाइल सेवा संभव हो पाएगी।
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