केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 14 लाख आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में चिकित्सक-आबादी अनुपात, स्वच्छ भारत मिशन की सफलता और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी जानकारी दी।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार (29 नवंबर 2024) को लोकसभा में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजे) की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि इस योजना के तहत 25 नवंबर तक 70 साल और उससे ऊपर आयु वाले बुजुर्गों के लिए 14 लाख आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यह योजना भारत के 4.50 करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुंचने वाली है, जिसका लाभ लगभग 6 करोड़ लोगों को मिलने का अनुमान है।
आयुष्मान वय वंदना कार्ड: बुजुर्गों के लिए सुरक्षा का नया उपाय
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर लाभ देने के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किए जा रहे हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वित्तीय सुरक्षा मिल रही है। अब तक 14 लाख से अधिक कार्ड जारी किए जा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
तीन स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली
इस योजना में लाभार्थियों के लिए एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस योजना में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शिकायत निवारण के लिए तीन स्तरीय तंत्र स्थापित किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत का समाधान तुरंत किया जा सके। इस प्रणाली के तहत 25 नवंबर तक कुल 5,565 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 98 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है।
चिकित्सक-आबादी अनुपात: WHO मानकों से बेहतर
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि नवंबर 2024 तक देश में 13,86,145 एलोपैथिक चिकित्सक पंजीकृत हैं, और 6.14 लाख आयुष चिकित्सक भी कार्यरत हैं। इस प्रकार, भारत में 811 लोगों पर एक चिकित्सक उपलब्ध है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सुझाए गए 1000 पर एक चिकित्सक के अनुपात से काफी बेहतर है। इसके साथ ही, 2014 से लेकर अब तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है।
स्वच्छ भारत मिशन: बच्चों की मौत दर में कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए प्रयासों से नवजात और 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी आई है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन ने हर साल 60 से 70 हजार जिंदगियाँ बचाई हैं, जिससे देश में स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार हुआ है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा पर सरकार की स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए कई राज्यों में पहले से कानून मौजूद हैं, और ऐसे में केंद्र सरकार को एक अलग कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कार्रवाई की जाती है।
केंद्र सरकार की इस योजना और इन प्रयासों से न केवल आयुष्मान भारत योजना को गति मिली है, बल्कि भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। आने वाले समय में यह योजनाएं और पहलें स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने में मदद करेंगी, खासकर उन वर्गों के लिए जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है।
COMMENTS