दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उन्हें तुरंत सरेंडर करना होगा. फिलहाल वह स्वास्थ्य कारणों से अंतरिम जमानत पर थे.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की बेंच ने इस संबंध में अपना फैसला सुनाया. सत्येन्द्र जैन को ईडी ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था। अदालत ने उन्हें 26 मई 2023 को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी। फिर उन्हें छह सप्ताह के लिए रिहा कर दिया गया, लेकिन बाद में इसकी अवधि धीरे-धीरे बढ़ती गई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मीडिया में बयान देने और राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से मना किया था.
जमानत नामंजूर, अब जाना होगा जेल!
आम आदमी पार्टी नेता सत्येन्द्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की अपील की थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी और जैन को तुरंत सरेंडर करने को कहा. सोमवार शाम को ही उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच से जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और पंकज मिथल ने फैसला सुनाया है. सत्येन्द्र जैन के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की फिजियोथेरेपी चल रही है, इसलिए उन्हें आत्मसमर्पण करने में समय लग सकता है। कोर्ट की बेंच ने इसे स्वीकार नहीं किया और उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा.
जैन के वकील ने दी थी ये दलील
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से जैन को जमानत देने का आग्रह किया था और कहा था कि गवाहों को कोई खतरा नहीं है। पूर्व मंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि वह जब भी जेल से बाहर आना चाहते हैं तो मेडिकल आधार पर जमानत ले लेते हैं.