दिल्ली में रेलवे कर्मचारियों ने डीआरएम ऑफिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि उन्हें बिना जांच के नौकरी से निकाला जा रहा है और उनका गलत उपयोग किया जा रहा है। कर्मचारियों ने कई बार पत्र भेजे, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने धरना शुरू किया। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती।
दिल्ली में रेलवे कर्मचारियों का गुस्सा फूटा है और उन्होंने डीआरएम ऑफिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी जांच या कारण के नौकरी से निकाल दिया जा रहा है और साथ ही उनके काम का गलत इस्तेमाल हो रहा है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब कर्मचारियों ने बताया कि जिन्हें ट्रैक मैन की पोस्ट मिलनी चाहिए थी, वे पोस्ट दूसरे विभागों को दे दी जा रही हैं और कर्मचारियों का 10% हिस्सा काटा जा रहा है।
यहां तक कि कर्मचारियों के निजी जीवन में भी दखल दिया जा रहा है। अधिकारी उन्हें अपने घर के काम करने के लिए कह रहे हैं, जबकि उनकी नौकरी से जुड़ी जिम्मेदारियों का उचित सम्मान नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों ने 23 दिसंबर 2024 को डीआरएम ऑफिस को एक पत्र भेजकर अपनी समस्याओं के बारे में सूचित किया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
इसके बाद 6 जनवरी को पुनः एक पत्र भेजा गया, जिसमें अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन फिर भी कोई समाधान नहीं आया। अंततः, 16 जनवरी से कर्मचारियों ने डीआरएम ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन धरने का आगाज किया। उनका कहना है कि यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
रेलवे कर्मचारियों का यह धरना न केवल उनकी समस्याओं का प्रतीक है, बल्कि यह अधिकारियों द्वारा दी जा रही अनदेखी और अन्याय के खिलाफ भी एक मजबूत विरोध है। क्या सरकार और रेलवे प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करेंगे?
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