जेएसएस अकादमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, नोएडा में वरात्रि राजेंद्र महास्वामीजी की 110वीं जयंती श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। समारोह में गुरु परंपरा, शिक्षा और सेवा की भावना को जीवंत किया गया।
नोएडा के जेएसएस अकादमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (JSSATE) में शुक्रवार को गुरु-परंपरा और शिक्षा के आदर्शों को जीवंत करने वाला एक भव्य समारोह आयोजित हुआ। अवसर था वरात्रि राजेंद्र महास्वामीजी की 110वीं जयंती का, जिसे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के प्राचार्य डॉ. बी. मनोज कुमार के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने गुरु परंपरा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान की प्रगति में गुरुजनों का मार्गदर्शन और आशीर्वाद अहम है।
मुख्य अतिथि श्री शांतमालिकार्जुन स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में जगद्गुरु श्री शिवरात्रिश्वर स्वामीजी और वीरसिंहासन महासंस्थान मठ, सुत्तूर श्रीक्षेत्र, मैसूर के योगदानों को रेखांकित किया। उन्होंने समाज सेवा की तीन मूल धारणाओं—अन्न, आश्रय और शिक्षा—का उल्लेख करते हुए गुरुजी की भारतीय ज्ञान परंपरा को संरक्षित और संवर्धित करने की दृष्टि की सराहना की।

समारोह की अध्यक्षता डॉ. एच. आर. महादेवस्वामी, कुलपति जेएसएस विश्वविद्यालय, नोएडा ने की। उन्होंने छात्रों और संकाय से सुत्तूर परंपरा के मूल्यों को जीवन और पेशेवर कार्यों में आत्मसात करने का आह्वान किया।
आयोजन का समापन डॉ. टी. जी. ममथा, कुलसचिव जेएसएस विश्वविद्यालय के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर वित्त अधिकारी श्री मनोज कुमार एन. एस. और डॉ. एस. एस. शिरूर भी उपस्थित रहे।
यह समारोह गुरु परंपरा को समर्पित श्रद्धा का प्रतीक ही नहीं, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना।
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