भारतीय रेलवे ने माल परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए समय-सारणी आधारित कार्गो सेवाएँ शुरू की हैं। इन सेवाओं का उद्देश्य ग्राहकों को भरोसेमंद, तेज और उद्योग-आधारित लॉजिस्टिक्स समाधान देना है।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने माल परिवहन क्षेत्र में नई गति और विश्वसनीयता जोड़ने के लिए समय-सारणी आधारित, वस्तु-विशेष कार्गो सेवाएँ शुरू की हैं। इन सेवाओं के जरिए उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादन और खपत केंद्रों को तेज़ी से जोड़ा जा रहा है। रेलवे का उद्देश्य है कि उद्योग और व्यापार को समय पर माल की डिलीवरी मिले, जिससे लॉजिस्टिक्स प्रणाली और मजबूत हो।

नई सेवाओं में शामिल हैं:
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अन्नपूर्णा सेवा: लुधियाना से वाराणसी तक 704 किमी, खाद्य अनाज का परिवहन महज 17 घंटे में।
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गति-वाहन सेवा: फर्रुख नगर (हरियाणा) से लखनऊ तक 557 किमी, ऑटोमोबाइल्स का परिवहन अब केवल 28 घंटे में, जबकि पहले 70 घंटे लगते थे।
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निर्यात कार्गो सेवा: गढ़ी से मुन्द्रा पोर्ट तक 1061 किमी, कंटेनर का परिवहन सिर्फ 32 घंटे में।
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अनंतनाग सीमेंट कार्गो सेवा: रूपनगर से अनंतनाग तक 586 किमी, सीमेंट का परिवहन 31 घंटे में।
इन सेवाओं की योजना बनाने में FCI, ऑटोमोबाइल ऑपरेटर, कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर और पड़ोसी रेलवे जोनों का सहयोग रहा। शुरुआत में परीक्षण के तौर पर चलीं ये सेवाएँ अब स्थिर और कुशल रूप से काम कर रही हैं।

ग्राहकों की प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही। FCI ने अन्नपूर्णा सेवा को खाद्यान्न आपूर्ति के लिए सराहा। मारुति सुजुकी ने ट्रांज़िट समय घटकर 28 घंटे होने को रोड ट्रांसपोर्ट जितना प्रभावी बताया। निर्यातकों ने बताया कि मुन्द्रा पोर्ट तक अब 40 घंटे से कम समय में माल पहुँच रहा है। सीमेंट कंपनियों ने भी अनंतनाग सेवा का स्वागत किया।
भारतीय रेलवे का दावा है कि इन सेवाओं से कॉन्साइनर और कन्सिग्नी दोनों को लॉजिस्टिक्स योजना बेहतर बनाने और दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। रेलवे का लक्ष्य है उद्योग, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार देना।
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