जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले, जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई, ने पूरे देश को गहरे शोक और गुस्से में डुबो दिया है। इस अमानवीय कृत्य के विरुद्ध जनआक्रोश की लहर में शामिल होते हुए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू), ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने एक शांतिपूर्ण लेकिन भावनात्मक कैंडल मार्च का आयोजन किया। विश्वविद्यालय परिसर में हुए इस आयोजन में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकगण और प्रशासनिक अधिकारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर मोमबत्तियां जलाकर दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और देश में शांति और एकता की प्रार्थना की।
मार्च के दौरान छात्रों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और देश की अखंडता को बनाए रखने का संकल्प दोहराया। "आतंकवाद मुर्दाबाद", "भारत माता की जय" और "देश एकता जिंदाबाद" जैसे गगनभेदी नारों ने माहौल को राष्ट्रप्रेम से भर दिया। छात्रों का यह भावनात्मक प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं था, बल्कि एक संदेश भी था कि भारत की युवा पीढ़ी आतंकवाद जैसे कायराना कृत्यों को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
इस कार्यक्रम में डॉ. कविता सिंह, डॉ. गौरव कुमार, डॉ. कपिल शेखर, डॉ. चांद बाबू, डॉ. मंदीप, श्री पंकज, श्री मनीष, डॉ. राकेश कुमार, श्री नमन आनंद, सारांश, शोमिल सहित कई शिक्षकगण और छात्रगण शामिल हुए। उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर न केवल शोक प्रकट किया, बल्कि आतंकवाद और इसके पोषकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की भी मांग की।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को लेकर छात्र और शिक्षण संस्थान पूरी तरह जागरूक हैं। यह कैंडल मार्च एक शांतिपूर्ण विरोध था, पर इसकी गूंज देशभर में सुनी गई—एक ऐसा संदेश जो आतंकवाद के विरुद्ध राष्ट्रीय चेतना को और अधिक प्रबल करता है।
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